LG वीके सक्सेना और AAP के बढ़ी तल्खी, इस्तीफे की मांग पर पूरी रात विधानसभा में केजरीवाल MLA's का धरना
Delhi News: राजधानी दिल्ली में हालात ऐसे बन गए हैं कि AAP विधायक पूरी रात विधानसभा में एलजी के खिलाफ धरना देने वाले हैं। आप के विधायक लेफ्टिनेंट गवर्नर की मांग कर रहे हैं।
Delhi AAP News : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और एलजी वीके सक्सेना (LG VK Saxena) के बीच तल्खी लगातार बढ़ती ही जा रही है। अब हालात ऐसे बन गए हैं कि AAP विधायक पूरी रात विधानसभा में एलजी के खिलाफ धरना देने वाले हैं। आप के विधायक लेफ्टिनेंट गवर्नर की मांग कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी एलजी वीके सक्सेना के खिलाफ जांच बैठाने की बात भी कह रहे हैं।
आपको बता दें कि, इस वक्त विभिन्न मुद्दों पर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना से नाराज है। सबसे अहम तो दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति का मसला है। दिल्ली में शराब घोटाले की जांच और अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर दौरे की मंजूरी न मिलना को विवाद की मुख्य वजह बताया जा रहा है।
कई वजहों से बढ़ी तकरार
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार और एलजी के बीच फैसला तब ज्यादा बढ़ा जब उन्होंने (दिल्ली के उप राज्यपाल) ने कई प्रस्तावों को वापस भेजना शुरू कर दिया। जिसके बाद तकरार के साथ-साथ विवाद भी बढ़ता चला गया। इसी कारण अब आम आदमी पार्टी (AAP) के खिलाफ विधायक खुलकर एलजी के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सौरभ भारद्वाज (AAP MLA Saurabh Bhardwaj) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि 'दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में सभी विधायक आज (सोमवार) शाम 7 बजे गांधी मूर्ति के नीचे बैठेंगे। सभी AAP विधायक आज रात विधानसभा के भीतर ही ठहरेंगे, सभी विधायक सदन की वेल में रात भर रहने वाले हैं।'
उपराज्यपाल से क्यों नाराज है AAP?
हाल ही में जब दिल्ली के उप राज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार के कई प्रस्तावों को सिर्फ इसलिए वापस कर दिया था, क्योंकि उस पर सीएम के हस्ताक्षर नहीं थे। जिसके बाद लगातार तल्खियां बढ़ती गई। समय के साथ ये बढ़ती ही चली गई। दरअसल, उपराज्यपाल कुछ दिन पहले ही सीएम अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि, उनके पास सरकार की तरफ से कई ऐसे प्रस्ताव आ रहे हैं जिन पर मुख्यमंत्री के दस्तखत नहीं हैं। ऐसे में उन्हें समझ नहीं आ रहा कि सीएम को उन प्रस्तावों की कोई जानकारी है भी या नहीं।
एलजी वीके सक्सेना ने सरकार को ये भी सुझाव दिया था कि मुख्यमंत्री सभी प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करने के बाद ही उन्हें उनके पास फाइल भेजें। अब उस चिट्ठी के बाद ही लेफ्टिनेंट गवर्नर ने उन 47 फाइलों को वापस लौटा दिया, जिन पर सीएम केजरीवाल के हस्ताक्षर नहीं थे।