Delhi LG Vs CM : अरविंद केजरीवाल सरकार में काम कर रहे 400 'स्पेशलिस्ट' पर गिरी गाज, LG ने नौकरी से बाहर निकाला

Delhi News : दिल्ली उपराज्यपाल के दफ्तर ने जारी बयान में कहा है कि, इन नियुक्तियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के कैंडिडेट के लिए आरक्षण नीति का पालन नहीं किया गया था

Update:2023-07-03 22:07 IST
अरविंद केजरीवाल और LG वीके सक्सेना (Social Media)

Delhi LG Vs CM : दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG VK Saxena) ने सोमवार (03 जुलाई) को बड़ी गाज गिरा दी। अरविंद केजरीवाल सरकार में काम कर रहे 400 लोगों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी। बता दें, जिनकी सेवाएं समाप्त की गई हैं वो लोग दिल्ली सरकार (Delhi Government) से जुड़े विभिन्न विभागों, कॉरपोरेशन, बोर्ड और पीएसयू में नियुक्त थे। एक बयान में कहा गया है कि इन सभी हटाए गए लोगों की तैनाती में पारदर्शिता का पालन नहीं किया गया था। आख़िरकार उन्हें टर्मिनेट करने का फैसला लिया गया।

उपराज्यपाल कार्यालय (LG Office) ने बयान जारी कर कहा है कि इन नियुक्तियों में अनुसूचित जाति (SC)/अनुसूचित जनजाति (ST)/अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण नीति का पालन नहीं किया गया था। ये लोग दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों में फेलो (Fellow), सहायक फेलो (Assistant Fellow), सलाहकार (Consultant)/उप सलाहकार (Deputy Advisor), विशेषज्ञ (Expert)/सीनियर रिसर्च अधिकारी और कंसल्टेंट (consultant) पदों पर नियुक्त थे।

कार्रवाई की ये है वजह?

उपराज्यपाल ऑफिस ने बताया कि, जिन लोगों को उनके पदों से हटाया गया है उनमें से कई कैंडिडेट इन पदों के लिए पर्याप्त शैक्षणिक योग्यताओं (Educational Qualifications) को पूरा नहीं करते थे। कई उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके पास इन पदों के लिए पर्याप्त अनुभव (Experience) भी नहीं है। बावजूद, उचित मानदंडों की अनदेखी करते हुए उनकी नियुक्ति की गई है। दरअसल, सेवा विभाग (Services Department, Delhi) ने ऐसे 400 लोगों को तत्काल प्रभाव से टर्मिनेट करने के लिए एलजी वीके सक्सेना से रिक्वेस्ट किया था। इसी के बाद उपराज्यपाल ने इस अनुरोध को स्वीकार कर ये बड़ी कार्रवाई की है।

सेवा विभाग ने जुटाई जानकारी

सेवा विभाग ने इस संबंध में 23 विभागों, स्वायत्त संस्थाओं (Autonomous Institutions), पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) से जानकारी जुटाई थी। इसके बारे में पता चला ये लोग विशेषज्ञ के तौर पर काम कर रहे थे। सेवा विभाग को जानकारी मिली कि, पर्यावरण, पुरातत्व विभाग (Archaeological Department), दिल्ली आर्काइव (Delhi Archive), महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा उद्योग मंत्रालय (Ministry of Industry) जैसे विभागों ने इन लोगों को नियुक्त करने से पहले सक्षम प्राधिकरण से किसी तरह की कोई मंजूरी नहीं ली थी।
इन विभागों-मंत्रालयों में हुई नियुक्ति

सेवा विभाग को जांच-पड़ताल में पता चला कि पुरातत्व विभाग, पर्यावरण विभाग, दिल्ली आर्काइव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा उद्योग मंत्रालय में ऐसे 69 लोग मिले, जिनकी नियुक्तियों के लिए किसी प्रकार की कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। इसी प्रकार, दिल्ली सरकार से जुड़े 13 बोर्ड में नियुक्त ऐसे ही 155 लोग थे। दिल्ली असेंबली रिसर्च सेंटर (DARC), डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ऑफ दिल्ली (DDCD) और डिपार्टमेंट ऑफ प्लानिंग में 187 लोगों की नियुक्तियों की जानकारी सेवा विभाग को नहीं दी गई थी। आख़िरकार, आज उन पर गाज गिर गई।

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