Delhi MCD: शैली ओबरॉय होंगी AAP की मेयर उम्मदीवार, डिप्टी मेयर के लिए आले मोहम्मद इकबाल की घोषणा
Delhi MCD News: आम आदमी पार्टी ने मेयर पद के लिए शैली ऑबेराय को प्रत्याशी बनाया है। जबकि डिप्टी मेयर के लिए आले मोहम्मद इकबाल को मैदान में उतारा गया है।
Delhi MCD News: दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की ओर से मेयर पद के प्रत्याशी का नाम घोषित किया गया है। AAP ने शैली ओबेरॉय (AAP Candidate Shelly Oberoi) को मेयर के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। ज्ञात हो कि, दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi MCD Election 2022) में AAP ने बड़ी जीत दर्ज की थी। जिसके बाद सभी की नजरें मेयर चेहरे पर टिकी थी। लंबे समय तक मंथन के बाद AAP ने शैली ऑबेराय के नाम की घोषणा की। शैली दिल्ली के वार्ड संख्या- 86 से पार्षद चुनी गई थीं।
वहीं, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP ने डिप्टी मेयर पद के लिए भी प्रत्याशी की घोषणा की है। डिप्टी मेयर के लिए आले मोहम्मद इकबाल (Aaley Mohammad Iqbal) को चुना गया है। बता दें, इकबाल ने चांदनी महल वार्ड संख्या- 76 से चुनाव जीता था।
AAP को बहुमत, मगर बीजेपी ने भी ताल ठोंका
गौरतलब है कि, हाल ही में संपन्न दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को कुल 250 सीटों में से 134 हासिल हुई थी। जबकि 15 सालों से दिल्ली एमसीडी पर काबिज बीजेपी को 104 सीटें प्राप्त हुई थीं। आंकड़ों के लिहाज से इस वक्त AAP के पास बहुमत है। पिछड़ने के बावजूद बीजेपी एमसीडी में अपने मेयर का दावा पेश कर रही है। जिसके बाद दिल्ली एमसीडी में मेयर का चुनाव रोचक हो गया है। आगामी 6 जनवरी 2023 को दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक होनी है। इसी बैठक में मेयर और डिप्टी मेयर पर फैसला होगा।
अब बीजेपी की अगली चाल पर नजर
दिल्ली नगर निगम में बीते 15 वर्षों से सत्ता पर बीजेपी का कब्ज़ा रहा था। जिसे इस बार आप ने कड़ी चुनौती दी और बेदखल कर दिया। एमसीडी चुनाव 2022 में निगम की कुल 250 सीटों में बीजेपी ने इस बार 104 सीटें जीत पाई। बीजेपी एमसीडी में दूसरे स्थान पर रही। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने यहां ट्विस्ट किया। दूसरे पायदान पर रहने के बावजूद उसने मेयर पद के लिए ताल ठोका है। बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने इसके संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि चंडीगढ़ की तर्ज पर दिल्ली में भी दूसरे नंबर पर होने के बावजूद मेयर बनाया जा सकता है। जिसके बाद से AAP के भीतर भी हलचल तेज हो गई थी। दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा होने लगी कि दोनों पार्टियों की तरफ से 'हॉर्स ट्रेडिंग' हो रही है।