Delhi Stampede: इस ऐलान के बाद स्टेशन पर बिगड़ गए हालात, भारी भीड़ इकट्ठा होने पर भी आंखें मूंदे रहे अफसर
Delhi Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ में जान गंवाने वालों में नौ पुरुष, चार महिलाएं और पांच बच्चे शामिल हैं। मृतकों में सबसे ज्यादा बिहार के नौ लोग शामिल हैं।;
Delhi Stampede After this announcement situation at worsened station (Photo: Social Media)
Delhi Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ में जान गंवाने वालों में नौ पुरुष, चार महिलाएं और पांच बच्चे शामिल हैं। मृतकों में सबसे ज्यादा बिहार के नौ लोग शामिल हैं। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में जाने के लिए नई दिल्ली स्टेशन पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा थी और इस दौरान यह बड़ा हादसा हुआ। वैसे इस हादसे में अफसरों की लापरवाही को भी बड़ा कारण माना जा रहा है।
स्टेशन पर रात आठ बजे से ही हालत बिगड़ने लगे थे मगर अफसर आंख मूंदे रहे और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए समय से कोई कदम नहीं उठाया गया। प्रयागराज जाने वाली स्पेशल ट्रेन के प्लेटफार्म बदलने को भी भगदड़ का बड़ा कारण माना जा रहा है। इस संबंध में एनाउंसमेंट के बाद भारी संख्या में लोग दूसरे प्लेटफार्म पर जाने की कोशिश करने लगी जिसकी वजह से अफरातफरी मची और लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
प्लेटफार्म बदलने की घोषणा के बाद मची भगदड़
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लंबे समय से कुली का काम करने वाले सुगन लाल मीणा ने बताया कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में स्नान के लिए जाने वालों की स्टेशन पर भारी भीड़ थी। प्रयागराज स्पेशल ट्रेन को प्लेटफार्म नंबर 12 से रवाना होना था मगर अचानक इस ट्रेन को प्लेटफार्म नंबर 16 पर शिफ्ट कर दिया गया।
इस घोषणा के बाद प्लेटफार्म नंबर 12 पर इंतजार कर रही भीड़ और बाहर खड़ी भीड़ प्लेटफार्म नंबर 16 पर पहुंचने की कोशिश में जुट गई। इस कारण भगदड़ मच गई और लोगों ने एक-दूसरे को कुचलना शुरू कर दिया। मीणा का यह भी कहना है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहले भी त्योहार पर भारी भीड़ होती रही है मगर ऐसी भीड़ उन्होंने पहले कभी नहीं देखी।
फुट ओवरब्रिज पर लोगों ने एक-दूसरे को कुचला
घटना के एक और चश्मदीद हीरालाल का भी कहना है कि ट्रेन का प्लेटफार्म बदले जाने के कारण भगदड़ मची। दिल्ली के संगम विहार निवासी हीरालाल ने भगदड़ की पूरी घटना बयां की है। उन्होंने बताया कि प्लेटफार्म नंबर 12 पर प्रयागराज जाने वालों की भारी भीड़ इकट्ठा थी। ये सभी लोग प्रयागराज महाकुंभ में शामिल होने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे थे।
इसी बीच रेलवे की ओर से घोषणा की गई कि प्रयागराज जाने वाली स्पेशल ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 16 पर आ रही है। ऐसे में सभी लोग फुट ओवरब्रिज के जरिए प्लेटफार्म नंबर 16 पर पहुंचने की कोशिश करने लगे।
हीरालाल का कहना है कि जो भी भगदड़ मची वह फुट ओवरब्रिज पर ही मची। लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए। बाकी लोग उन पर चढ़ते हुए अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। उन्होंने कहा कि पुल पर ही कई लोग काफी गंभीर रूप से घायल हो गए मगर मदद के लिए प्रशासन की ओर से कोई नहीं पहुंचा।
भीड़ प्रबंधन के दावों की खुल गई पोल
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर विश्व स्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने का दावा किया जाता रहा है। भीड़ प्रबंधन को लेकर भी बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं मगर शनिवार की रात हुई घटना से सारे दावों की पोल खुल गई है। देश की राजधानी में हुई इस घटना के बाद अब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और अन्य प्रमुख स्टेशनों पर सतर्कता बरतने की बात कही जा रही है।
प्रयागराज जाने के लिए पिछले कई दिनों से काफी संख्या में लोग नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जुट रहे थे। भीड़ को प्रयागराज तक पहुंचाने के लिए कई विशेष ट्रेनों का भी प्रबंध किया गया है। इसके बावजूद सुरक्षा के लिए पहले से कोई विशेष तैयारी नहीं दिखी।
अफसरों की लापरवाही पड़ गई भारी
जानकारों का कहना है कि वीकेंड होने के कारण शनिवार को भारी भीड़ इकट्ठा थी। शनिवार शाम से ही स्टेशन पर भीड़ बढ़ने लगी थी। जनरल टिकट लेने के लिए टिकट काउंटर पर लोगों की लंबी लाइन लगी हुई थी और प्लेटफार्म पर क्षमता से अधिक लोग जमा थे। रात आठ बजे के बाद ही हालत बिगड़ने लगे थे मगर इसके बावजूद रेलवे और आरपीएफ अफसरों की ओर से कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया गया।
भगदड़ की घटना के बाद रेलवे प्रशासन की नींद टूटी और दमकल की गाड़ियां और एंबुलेंस मंगाई गई। इसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया मगर तब तक का कई लोग अपनी जान गंवा चुके थे। जानकारों का कहना है कि यदि इस समय से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए गए होते तो इस हादसे को रोका जा सकता था।