भूल से भी न करें: खाना बर्बाद करना डाल सकता है आपको मुस्किल में
भारत जैसे बड़ी जनसंख्या वाले देश में हर साल भुखमरी की वजह से लाखों लोगों की मौत हो जाती हैं। देश में हर आदमीं को भरपेट भोजन नहीं मिल पाता है। हर रोज़ ना जाने कितने लोग इसकी वजह से दम तोड़ देते हैं। बच्चों में इसे कुपोषण की एक बड़ी समस्या कहा जाता है।
नई दिल्ली: भारत जैसे बड़ी जनसंख्या वाले देश में हर साल भुखमरी की वजह से लाखों लोगों की मौत हो जाती हैं। देश में हर आदमीं को भरपेट भोजन नहीं मिल पाता है। हर रोज़ ना जाने कितने लोग इसकी वजह से दम तोड़ देते हैं। बच्चों में इसे कुपोषण की एक बड़ी समस्या कहा जाता है। जितना हमारे देश में भोजन की कमी है, लोग उतना ही भोजन बर्बाद करते हैं। खाने की बर्बादी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में होती है। खाने की बर्बादी को लेकर जो नए आंकड़े आए हैं, वो चौंका देने वाले हैं।
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जानकारी के अनुसार पूरी दुनिया में जितना फूड का उत्पादन होता है, उसका एक तिहाई बर्बाद हो जाता है। यानी एक तिहाई फूड बिना खाए फेंक दिया जाता है या वो बर्बाद चला जाता है। अगर बर्बाद खाने की कीमत के बारे में पता करें तो पूरी दुनिया में हर साल करीब 940 बिलियन डॉलर का खाना बर्बाद होता है। भारतीय करेंसी में इसकी कीमत करीब 67 लाख करोड़ रुपए होती है। अटकल लगाया जा सकता है कि खाने की बर्बादी किस हद तक होती है।
बर्बादी की वजह से पढ़ रहा है पृथ्वी पर असर
खाने की बर्बादी के कारण पृथ्वी गर्म भी हो रही है। नए शोध से पता चला है कि खाने की बर्बादी की वजह से ग्रीन हाउस गैसों में 8 फीसदी का इजाफा होता है। इसकी वजह से ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या बढ़ रही है। खाने की बर्बादी को लेकर ये आंकड़े वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (WRI) ने रॉकफेलर फाउंडेशन की मदद से जारी किए हैं।
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खाना सब बर्बाद कर रहें हैं चाहे गरीब हो या अमीर
खाने की बर्बादी को लेकर कुछ फैक्ट चले हैं। भारत जैसे विकासशील और लोअर इनकम वाले देशों में खाने की बर्बादी फार्म के स्तर पर होती है। यानी अन्न के उत्पादन के वक्त खेत से मार्केट में पहुंचने तक अन्न बर्बाद होता है। वहीं अमेरिका जैसे विकसित देशों में खाने की बर्बादी खाने की प्लेट में होती है। यानी खाना प्लेट तक तो पहुंच जाता है लेकिन प्लेट में खाना छोड़कर लोग उसे बर्बाद करते हैं।
41% फल और सब्जियां बर्बाद चली जाती हैं
UN की फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के 2007 के एक आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा बर्बादी कंद और जड़ों की होती हैं। करीब 62 फीसदी कंद और जड़ें बर्बाद हो जाती हैं। फल और सब्जियों का स्थान दूसरा है। कुल उत्पादन का करीब 41 फीसदी फल और सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं। उसी तरह से कुल उत्पादन का करीब 25 फीसदी दालें बर्बाद चली जाती हैं। 22 से 23 फीसदी फिश और सीफूड भी बर्बाद होते हैं।
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जितना यूके खाता है, उतना हम बर्बाद कर देते हैं
भारत में खाने की बर्बादी के आंकड़े और भी हैरान करने वाले हैं। 2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल जितना यूके खाता है, उतना हम बर्बाद कर देते हैं। भारत जैसे देश में जहां लाखों लोग भूखे पेट सोने के लिए मजबूर होते हैं, वहां खाने की बर्बादी के ये आंकड़े परेशान करने वाले हैं।
फंक्शन में सबसे ज्यादा होती है खाने की बर्बादी
भारत में खाने की बर्बादी सबसे ज्यादा नॉर्थ और सेंट्रल पार्ट्स के सार्वजनिक समारोहों में होती है। शादी-विवाह, सोशल और फैमिली फंक्शन, कैंटीन और होटलों में खाने की बर्बादी सबसे ज्यादा होती है।
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रिपोर्ट के अनुसार उत्पादन का करीब 40 फीसदी फूड बर्बाद चला जाता है। भारत के कुल गेहूं उत्पादन में करीब 2 करोड़ टन गेहूं बर्बाद हो जाता है। इतने बड़े पैमाने पर अन्न की बर्बादी हैरान करने वाली है।
खुद कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में करीब 50 हजार करोड़ की कीमत का अन्न हर साल बर्बाद होता है। इतना अन्न बिहार जैसे राज्य की कुल आबादी को एक साल तक भोजन उपलब्ध करवा सकता है।