...जब भारत ने युद्ध में चीन को हराया था, 3 किमी पीछे हटने को मजबूर हुआ था दुश्मन सैनिक
लखनऊ: भारत-चीन युद्ध की जब भी बात होती है तो हमारे जेहन में 1962 की करारी हार सामने आती है। पर इस हार के ठीक 5 साल बाद ही भारत ने चीन को दिखा दिया था कि भारत 1962 का चीन नहीं है।
सिक्किम में हुई दो लड़ाइयों में 1967 में भारत ने चीन को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। इस छोटे से युद्ध में भारत ने चीन के 340 जवानों को मौत के घाट उतारा था। भारत के भी 80 लड़ाके शहीद हुए थे। पश्चिमी देश तक इस युद्ध में भारत को स्पष्ट विजेता मानते हैं। इस युद्ध की खास बात ये थी कि भारतीय जवानों के सामने चीन को तीन किलोमीटर पीछे हटने को मजबूर होना पड़ा था, जहां वो आज तक है।
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क्या था पूरा मामला
साल 1967 में सिक्किम भारत का हिस्सा नहीं बल्कि स्वतंत्र राजतंत्र हुआ करता था। ये अलग बात है कि इस समय यह भारत का ‘प्रोटेक्टोरेट’ था। इस साल चीन और भारत में दो बार युद्ध हुआ। पहला 11 से 14 सितंबर 1967 में 'नाथू ला' पर और दूसरा 1 अक्टूबर को 'चो-ला' पर।
सितंबर के पहले हफ्ते में भारतीय सेना ने सिक्किम पर बाड़ लगानी शुरू की। चीन ने इस पर आपत्ति जताई। यह लड़ाई हाथापाई में बदली और दो चीनी जवान घायल हो गए। 11 सितंबर को जब भारतीय जवान और इंजीनियर बाड़ लगा रहे थे तो चीनी सेना ने उन पर एमएमजी बंदूकों से हमला कर दिया। निहत्थे बाड़ लगा रहे जवान मारे गए, पर भारत की जवाबी कार्यवाई में 4 दिन तक गोलीबारी नहीं रोकी गई। इस दौरान चीन के कई बंकर उड़ा दिए गए। इसके 16 दिन बाद यानि 1 अक्टूबर को चो-ला इलाके में चीनी सेना घुस आई और भारतीय सेना के सिक्किम में मौजूदगी पर आपत्ति जताने लगी। हाथापाई से गोलीबारी में बदली इस लड़ाई में चीनी सेना को 3 किलोमीटर पीछे हटने को मजबूर होना पड़ा।
भारतीय सेना ने विजयी झंडे गाड़े
मैकमिलन प्रकाशन की पोंगसैक हूनत्रैकुल की किताब 'द ग्लोबल राइज ऑफ एशियन ट्रांसफार्मेशन- ट्रेंड्स एंड डेवलपमेंट इन इकानमिक ग्रोथ डायनामिक्स' की पेज संख्या- 37 पर लिखा है कि 'इस युद्ध में भारतीय सेना पूरी तरह से विजेता थी। इस युद्ध में चीन की सेना चो-ला में तीन किलोमीटर पीछे चली गई थी जहां वह आज तक रुकी है। भारतीय सेना को अपने 80 जवान खोने पड़े थे और चीन को 340 ।'
भारतीय सेना के दस्तावेजों के मुताबिक, इन दो युद्धों में भारतीय सेना के 88 जवान मारे गए जबकि 163 घायल हुए। वहीं, चीन को 340 जवान खोने पड़े थे।