CJI संजीव खन्ना ने दिया Justice Yashwant Varma के ट्रांसफर पर पुनर्विचार का आश्वासन, बार संघों ने जांच की मांग

Justice Yashwant Varma Case: बार संघों ने यह भी सवाल उठाया कि 14 मार्च की घटना के बावजूद अब तक एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई? उनका कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे देशभर के उच्च न्यायालयों में धरना प्रदर्शन करेंगे।;

Update:2025-03-27 18:33 IST
CJI संजीव खन्ना ने दिया Justice Yashwant Varma के ट्रांसफर पर पुनर्विचार का आश्वासन, बार संघों ने जांच की मांग
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Justice Yashwant Varma Case: भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर पर बार संघों से हुई मुलाकात के बाद आश्वासन दिया है कि इस मामले पर पुनर्विचार किया जाएगा। यह घटनाक्रम जस्टिस वर्मा के आवास पर 14 मार्च को लगी आग के बाद सामने आया, जिसमें भारी मात्रा में जले हुए नोट मिले थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनका स्थानांतरण इलाहाबाद हाईकोर्ट करने का निर्णय लिया था।

इलाहाबाद बार संघ के प्रमुख अनिल तिवारी ने कहा कि सीजेआई ने उन्हें भरोसा दिलाया कि जस्टिस वर्मा के ट्रांसफर पर विचार किया जाएगा और इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर होने के बावजूद उनका न्यायिक कार्य वापस ले लिया जाएगा। इस मामले पर इलाहाबाद बार संघ ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे न्यायाधीशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।

सीजेआई के आश्वासन के बाद, बार निकायों ने कहा कि वे अब हड़ताल जारी रखने पर पुनर्विचार करेंगे। बार संघों ने मांग की है कि न्यायपालिका से भ्रष्टाचार समाप्त किया जाए और इस मामले में आपराधिक कानून लागू किया जाए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि 14 मार्च की घटना के बावजूद अब तक FIR क्यों दर्ज नहीं की गई।

जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि उन्हें जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है। इस बीच, सीजेआई ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है, जिसने कानूनी जगत में हलचल मचा दी है। बार संघों का कहना है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो देशभर के उच्च न्यायालयों के बार संघ धरना प्रदर्शन करेंगे। इस मुद्दे पर अगले कुछ दिनों में और भी घटनाक्रम सामने आने की संभावना है।

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