मुंबई। 10 सबसे अमीर भारतीयों की संपत्ति देश के चार राज्यों और छह मंत्रालयों के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के बराबर है। नौ सबसे अमीर भारतीयों के पास अब देश के 50 फीसदी नीचे के लोगों के बराबर धन है। जबकि शीर्ष 1 फीसदी के पास 52 फीसदी राष्ट्रीय संपत्ति है। नीचे के 60 फीसदी लोगों के पास केवल 5 फीसदी संपत्ति है। यह जानकारी वैश्विक असमानता पर ऑक्सफैम की रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार अन्य देशों में आमतौर पर जनसंख्या के 1 फीसदी द्वारा धन को नियंत्रित किया जाता है, जबकि भारत में यह नौ व्यक्तियों या 120 करोड़ की भारतीय आबादी के 0.000000075 फीसदी के हाथों में है।
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विश्व असमानता रिपोर्ट -2018 के अनुसार, भारत के शीर्ष 1 फीसदी लोगों की आय का हिस्सा 1982-1983 में लगभग 6 फीसदी से बढ़कर एक दशक बाद 10 फीसदी से अधिक, 2000 तक 15 फीसदी और 2014 तक लगभग 23 फीसदी हो गया है। सरकारी आंकड़ों पर 'इंडियास्पेंड' के विश्लेषण के अनुसार, भारत अब उन देशों की सूची में चौथे स्थान पर है, जहां शीर्ष 1 फीसदी लोग देश की उच्चतम राष्ट्रीय आय साझा करते हैं। ऐसे देशों की सूची में पहले तीन स्थान पर ब्राजील, तुर्की और जाम्बिया हैं।
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ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में भारत में अरबपतियों की संपत्ति 35 फीसदी या 2,200 करोड़ रुपए बढ़ गई, जबकि सबसे गरीब 10 फीसदी 13.6 करोड़ भारतीय लगातार कर्ज में डूबे रहे हैं। रिपोर्ट बताती है कि २०१८ में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 3.3 लाख करोड़ रुपए थी। यह रकम 2017-18 के लिए ओडीशा के जीएसडीपी का 95 फीसदी है। इंडियास्पेंड के विश्लेषण में फोब्र्स की अरबपति रैंकिंग, केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय और 2017-18 के बजट डेटा का उपयोग किया गया है।
153 वर्षीय शापूरजी पल्लनोजी ग्रुप के चेयरमैन पलोनजी मिस्त्री की संपत्ति अनुमानित रूप से 1.1 लाख करोड़ रुपए है। यह रकम हिमाचल प्रदेश के जीएसडीपी से 477 करोड़ रुपए ज्यादा है। एचसीएल के संस्थापक शिव नाडर को 2018 में देश के सबसे अमीर 100 की फोब्र्स सूची में छठे स्थान पर रखा गया था, और उनकी कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति झारखंड के जीएसडीपी से आधी है।
सन फार्मास्युटिकल्स के संस्थापक दिलीप संघवी की संपत्ति का 2017-18 में कुल शुद्ध मूल्य 88,313 करोड़ रुपए था, जो मेघालय के जीएसडीपी से लगभग चार गुना है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 29 लाख की आबादी के साथ, मेघालय का जीएसडीपी 2017-18 के लिए 24,202 करोड़ रुपए था। विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी की कुल संपत्ति 1.4 लाख करोड़ रुपए थी, जो 2017-18 के लिए उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के लिए आवंटित 1.5 लाख करोड़ रुपए के करीब 95 फीसदी के बराबर थी। दुनिया की सबसे बड़े स्टील उत्पादक आर्सेलर मित्तल के सीईओ लक्ष्मी मित्तल की कुल संपत्ति 1.2 लाख करोड़ रुपए थी, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए स्वीकृत बजट से दोगुनी थी। वर्ष 2017-18 में गृह मंत्रालय के लिए स्वीकृत बजट 97,187 करोड़ रुपए था, जो हिंदुजा भाइयों की 1.2 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति से कम है।
गोदरेज ग्रुप को कंट्रोल करने वाले गोदरेज परिवार की कुल संपत्ति 98,126 करोड़ रुपए है, जो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए बजट का दोगुना था। आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला की कुल संपत्ति 87,612 करोड़ रुपए थी, जो महिला और बाल विकास मंत्रालय के बजट का चार गुना है। अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी की संपत्ति 83,407 करोड़ रुपए थी, जो कि 2017-18 में पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के लिए आवंटित धन का चार गुना है।