मांग में गिरावट के चलते फल, सब्जियों का निर्यात 15 प्रतिशत गिरा

Update: 2018-01-27 15:01 GMT

नई दिल्ली : अप्रैल-नवंबर, 2017 के मुनाफे के आधार पर गेहूं और दलहन के निर्यात से अलग ताजा फल और सब्जियों की कीमतों मे 15 प्रतिशत की कमी आई है।

कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के अनुसार, इसका प्रमुख कारण सबसे बड़े निर्यात बाजारों में प्याज, टमाटर, केला और किशमिश की मांग और आपूर्ति की कमी आना है।

इस अवधि के दौरान निर्यातित ताजा फल और सब्जियों का मूल्य 5416 करोड़ रुपये था, जो 2016 की इसी अवधि के दौरान के मूल्य की तुलना में 15 प्रतिशत कम है।

एपीईडीए के अध्यक्ष डी.के. सिंह ने बताया कि कम उत्पादन के कारण प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) बढ़कर 840 डॉलर प्रति टन होने के कारण निर्यात कम हुआ।

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उन्होंने बताया कि ताजा सब्जियों के कुल निर्यात में प्याज की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत है। प्याज का एमईपी बढ़ने से इसका निर्यात कम हुआ है।

केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की आपूर्ति सुनिश्चित करने और कम दाम पर निर्यात को कम करने के लिए पिछले वर्ष नवंबर में इसके एमईपी की अधिकतम दर निश्चित की थी।

मात्रा के मामले में सब्जियों का कुल निर्यात अप्रैल-नवंबर 2017 के दौरान घटकर 16 लाख टन रहा, जबकि एक वर्ष पहले की समान अवधि में यह 22.80 लाख टन था।

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को भारत से अप्रैल-नवंबर के बीच निर्यात की गई सब्जियों में 18.3 प्रतिशत, निर्यात किए गए फलों में 18.3 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।

दूसरे स्थान पर बांग्लादेश रहा, जिसकी सब्जियों में हिस्सेदारी 12.2 प्रतिशत और मलेशिया 11.8 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

इसी तरह फलों का निर्यात 2016 में 4,47,612 टन से घटकर 2017 में 3,68,361 टन रह गया।

भारत जिन देशों को निर्यात करता है, उनमें यूएई, बांग्लादेश, नेपाल और अमेरिका शीर्ष देश हैं। यूएई भारतीय फलों और सब्जियों का प्रमुख बाजार है। इसके बाद नेपाल, बांग्लादेश और मलेशिया आते हैं।

सिंह ने कहा, "इस वर्ष नेपाल और बांग्लादेश में हमारे फलों और सब्जियों की मांग गिरी है। निर्यात में कमी का यह भी एक प्रमुख कारण है।"

2017 में अप्रैल-नवंबर के दौरान प्रसंस्कृत सब्जियों और फलों के निर्यात में वृद्धि हुई है।

सत्र 2017-18 में सब्जियों का कुल उत्पादन 2016-17 के 1781.70 लाख टन के मुकाबले 1806.80 लाख टन होने की उम्मीद है।

इसी तरह फलों का उत्पादन 2016-17 के 929.20 लाख टन के मुकाबले 2017-18 में 948.80 लाख टन होने की उम्मीद है।

दलहन और गेहूं का निर्यात घटकर क्रमश: 87,760 टन और 179,699 टन रहा, जबकि पिछले वर्ष यह क्रमश: 91,652 टन और 218,494 टन रहा था।

वहीं चावल की गैर बासमती किस्म का निर्यात समीक्षाधीन अवधि में बढ़कर 55.70 लाख टन हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 41.1 लाख टन था।

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