Famous Mathematics Teacher: उठा पिता का साया...झेली आर्थिक तंगी, अब मात्र 1 रुपए में दे रहें शिक्षा
Famous Mathematics Teacher RK Srivastava Successful Story: श्रीवास्तव एक रुपया गुरु दक्षिणा लेकर बच्चों को इंजीनियर बनाते हैं। उन्होंने अब तक 540 स्टूडेंट्स को इंजीनियर बना चुके हैं और यह कारंवा नितरंत अभी जारी है।
RK Srivastava Successful Story: 1 रुपया गुरु दक्षिणा प्रोग्राम" के फाउंडर आरके श्रीवास्तव का नया इंटरव्यू आया है । मीडिया को दिए इस इंटरव्यू में उन्होंने अपने जीवन और करियर से जुड़ी कई जरूरी बात बताई हैं। एक सवाल के जवाब में आरके श्रीवास्तव ने बताया कि 10 वी क्लास तक वो मैथ्स के सवाल रट कर जाते थे, उन्होंने बताया कि कैसे एक एवरेज स्टूडेंट से वो "मैथमेटिक्स गुरु" के नाम से मशहूर होकर जीनियस मैथ शिक्षक बन गए।
मीडिया को दिए इंटरव्यू में आरके श्रीवास्तव ने बताया
मैं 10 वी क्लास तक बहुत एवरेज बच्चा था। रटकर परीक्षा देता था। पोजिशन तो क्लास में बेहतर रहता था, लेकिन बाद में पता चलने लगा की मैं कांसेप्ट को समझा नहीं हूं बल्कि रट लिया हूं। मैं ज्यादा चीजें समझ नहीं पाता था, मैथ्स मेरा शुरू से ही रुचिकर विषय रहा है। मैं मैथ्स के सवाल रट कर जाता था। जब आप छोटी क्लास में होते हैं तो बुक से ही सवाल आते हैं। मैं पूरे जवाब रट कर जाता था,लास्ट में बस सही जवाब लिख आता था।
छोटी आयु में छूटा पिता का साया
जब मैं 5 वर्ष का था तो मेरे पिताजी इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। पापा के जाने के बाद आर्थिक स्थिति धीरे धीरे खराब होने लगी थी। किसी तरह घर के बगल के ही एक स्कूल में नामांकन हुआ। पैसे के अभाव के कारण फिर 8 वी बाद बिहार राज्य के सरकारी विद्यालय में नामांकन लिया। धीरे - धीरे रियलाइज हुआ कि कुछ अच्छा नहीं हो रहा है, घर की हालात देखकर मैं अब आगे की क्लास से पढ़ाई के लिए सीरियस होने लगा। मैथ्स कंसेप्चुअल समझ नहीं आती थी, तब भी खूब पढ़ता था।
ऐसे सीखें मैथ्स
रात-रात भर सेल्फ स्टडी करना शुरू किया, अब पहले की तरह मैथ को रटना बंद किया और मैथ के प्रश्नों के गहराई तक जाने का प्रयास करने लगा। जब भी कोई प्रश्न को हल करने बैठता था तो हमेशा दिमाग में यह चलता रहता था और सोचता रहता था कि एक प्रश्न को कितने तरीको से हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में मेरे इकलौते बड़े भैया भी इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। उनका बहुत बड़ा सपना था कि मैं पढ़ लिखकर एक सफल इंसान बनू। मेरे सफलता में मां और भाभी के योगदान को शब्दो में यदि लिखा जाए तो स्याही ही कम पड़ जायेगी।
कौन है आरके श्रीवास्तव?
गूगल पर "मैथमेटिक्स गुरु" सर्च करने पर सबसे टॉप पर आरके श्रीवास्तव (RK Srivastava) का नाम दिखाई देता है। श्रीवास्तव बिहार के रोहतास जिले के बिक्रमगंज से ताल्कुल रखते हैं। श्रीवास्तव एक रुपया गुरु दक्षिणा लेकर बच्चों को इंजीनियर बनाते हैं। उन्होंने अब तक 540 स्टूडेंट्स को इंजीनियर बना चुके हैं और यह कारंवा नितरंत अभी जारी है।
उन्होंने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन गांव की दहलीज से निकलकर कोई देश-दुनिया के लिए खुद एक संदेश बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा अक्सर देखा जाता है कि जो अभाव में रहते हैं वही दुनिया के मानचित्र पर अपनी विद्वता के बूते कृति खींचने में कामयाब होता है।