अभी-अभी करोड़ों का ऐलान: इस क्षेत्र को मिला बड़ा तोहफा, होंगे फायदे ही फायदे

पैकेज में  किसानों के लिए बडी धनराशि का निर्धारण किया है। सरकार के इस ऐलान के लगभग 2 लाख सूक्ष्म इकाइयों को फायदा होगा।

Update: 2020-05-15 11:35 GMT
nirmala sitharaman

नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार ने अपने 20 लाख करोड के वित्तीय पैकेज में किसानों की बडी चिंता की है। आर्थिक पैकेज के तीसरी किस्त की जानकारी देते हुए निर्मला सीतारमण ने बताया कि कृषि क्षेत्र की मजबूती के लिए एक लाख करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने में जुटी है। पैकेज में किसानों के लिए बडी धनराशि का निर्धारण किया है। सरकार के इस ऐलान के लगभग 2 लाख सूक्ष्म इकाइयों को फायदा होगा। सूक्ष्म इकाइयों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये आवंटित होगा।

क्रेडिट कार्ड के लिए 2 लाख

आज यहां वित्तीय पैकेज के बारे में तीसरी किश्त की जानकारी देते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भी देश के किसान काम करते रहे. छोटे और मंझोले किसानों के पास देश की लगभग 85 फीसदी खेती है। एमएसपी के तहत 74 हजार 300 करोड़ की फसल की खरीद की गई है। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड के लिए 2 लाख करोड़ रुयये का ऐलान किया गया है।

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गन्ने का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक

वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत तीसरा सबसे बड़ा अनाज उत्पादक है। प्रधानमंत्री जी किसानों के कल्याण के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं. किसानों लिए कई कदम पहले उठाए गए। उन्होनं कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए लगातार कदम उठा रही है. भारत दाल और दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है. और गन्ने का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज के ऐलान किसानों से जुड़ा होगा. जबकि 8 ऐलान कृषि सेक्टर से जुड़े बुनियादी ढांचे पर किए जाएंगे।

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वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी देश के किसान काम करते रहे. छोटे और मंझोले किसानों के पास देश की लगभग 85 फीसदी खेती है। एमएसपी के तहत 74 हजार 300 करोड़ की फसल की खरीद की गई है। उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड के लिए 2 लाख करोड़ रुयये का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि 560 लाख लीटर दूध लॉकडाउन के दौरान डेयरी कोऑपरेटिव सोसाइटीज के द्वारा खरीदा गया है।

फसल बीमा पर 64000 करोड़ रुपये दिए गए हैं. निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया है. लॉकडाउन में दूध की मांग 20 से 25 फीसदी घटी है। भंडारण की सुविधा के लिए भी फंड का इस्तेमाल होगा. सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने की कोशिश करेगी।

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वित्तमंत्री ने बताया कि फूड एंटरप्राइजेज माइक्रो साइज के लिए 10 हजार करोड़ रुपये दिया जाएगा. क्लस्टर आधार पर ताकि वे ग्लोबल स्टैंडर्ड के प्रोडक्ट बना सकें। इससे वेलनेस, हर्बल, ऑर्गनिक प्रोडक्ट करने वाले लगभग 2 लाख माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज को फायदा होगा। जैसे आध्र में मिर्च और तेलंगाना में हल्दी और बिहार में मखाना, कश्मीर में केसर, और कर्नाटक में रागी का उत्पाद होता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहे. छोटे और मझोले किसानों के पास 85ः खेती है. देश की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है। सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई काम किए है।

वित्त मंत्री ने कहा, 2 महीने में किसानों को 18700 करोड़ किसानों को दिए है। उन्होंने बताया कि 2 करोड़ किसानों को ब्याज में सब्सिडी दी गई. फसल बीमा योजना के तहत 6400 करोड़ दिए है। किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये किसानों को 2 लाख करोड़ दिए. दुग्ध उत्पादकों को 5 हजार करोड़ का अतिरिक्त भुगतान किया गया।

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