कोरोना से जंग में बड़ी सफलता: भारत ने तैयार की पहली एंटीजन किट, मिली मंजूरी
कोराना वायरस के इलाज की दिशा में भारत ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। बुधवार को दूसरे रैपिड एंटीजन किट को कोराना वायरस के इलाज के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली: कोराना वायरस के इलाज की दिशा में भारत ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। बुधवार को दूसरे रैपिड एंटीजन किट को कोराना वायरस के इलाज के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंजूरी दे दी है।
इसे 'मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस' द्वारा बनाया गया है और यह अपनी तरह की पहली किट होगी जिसे भारत में बनाया गया है।
अभी इसकी कीमत 450 रुपये के करीब होगी। इस टेस्ट किट का नाम 'पैथोकैच कोविड-19 एंटीजन रैपिड टेस्टिंग किट' है, जो तत्काल प्रभाव से ऑर्डर करने पर प्राप्त होगी।
मायलैब का 'रियल टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चेन रिएक्शन' (आरआरटी-पीसीआर) टेस्ट किट भी पहली स्वदेशी जांच किट थी, जिसे भारत में उपयोग के लिए आईसीएमआर की मंजूरी मिली थी।
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मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस' के प्रबंध संचालक ने कही ये बात
इस बारे में 'मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस' के प्रबंध संचालक हसमुख रावल बताया कि अब एंटीजन टेस्टिंग किट के लिए मंजूरी मिलने के बाद, हम कोविड-19 के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर कर सकेंगे। साथ ही इस महामारी से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
मायलैब की टीम इस महामारी से लड़ने के लिए हर संभव कोशिशों में जुटी हुई है। आरटी-पीसीआर टेस्ट को सस्ती दरों पर मुहैया कराकर हमने विदेशी किटों पर से निर्भरता कम की और अब हमने कोविड-19 टेस्टिंग को बढ़ाने के लिए कॉम्पैक्ट एक्सएल को लॉन्च किया है।
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कम समय में ज्यादा टेस्ट मुमकिन
यहां ये भी बता दें कि रैपिड एंटीजन टेस्ट आरआरटी-पीसीआर की तुलना में कम वक्त लेता है, क्योंकि आरआरटी-पीसीआर टेस्टिंग के लिए लगभग पांच घंटे का समय लगता है, जबकि इसमें सिर्फ 30 मिनट लगते हैं। एंटीजन टेस्ट के लिए प्रयोगशाला की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि आरआरटी-पीसीआर टेस्टिंग के लिए प्रयोगशाला की जरूरत होती है।
एंटीजन-आधारित टेस्टिंग का उपयोग आरआरटी-पीसीआर के साथ-साथ देश के समग्र टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाने और रोगियों का इलाज करने के लिए किया जा रहा है।