Jayalalitha Death Case: क्या जयललिता की विश्वासपात्र शशिकला ने ही उन्हें मरवाया? रिपोर्ट तमिलनाडु विधानसभा में पेश

Jayalalitha Death Case: डीएमके सरकार (DMK Government) ने पूर्व मुख्यमंत्री की मौत की जांच के लिए बनाई गई अरुमुगा सामी पैनल की रिपोर्ट को मंगलवार को तमिलनाडु विधानसभा में पेश किया।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-10-18 13:19 IST

जयललिता (फाइल फोटो)

Jayalalitha Death Case : ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की नेता और 6 बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रह चुकीं जयराम जयललिता (J. Jayalalithaa) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। डीएमके सरकार (DMK Government) ने पूर्व मुख्यमंत्री की मौत की जांच के लिए बनाई गई अरुमुगा सामी पैनल की रिपोर्ट को मंगलवार (18 अक्टूबर 2022) को तमिलनाडु विधानसभा में पेश किया। समिति की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद इस दक्षिणी राज्य का सियासी तापमान चढ़ा हुआ है। क्योंकि, इसमें जयललिता के निकट सहयोगियों को कटघरे में खड़ा किया गया है।

गौरतलब है कि, सत्ताधारी डीएमके ने विधानसभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह पूर्व मुख्यमंत्री की मौत की जांच करेगी और दोषियों के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई करेगी। करीब 10 साल बाद सत्ता में लौटी डीएमके ने वादे के मुताबिक रिटायर जस्टिस अरुमुगा सामी (Justice Arumughaswamy) के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया। अरुमुगा सामी पैनल ने इस साल अगस्त के आखिरी दिनों में राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Chief Minister MK Stalin) को 13 महीनों की जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट सौंप दिया। अरुमुगा सामी ने तमिल भाषा में 608 और अंग्रेजी भाषा में 500 पृष्ठों की जांच रिपोर्ट तमिलनाडु सीएम को सौंपी थी।


संदेह के घेरे में शशिकला समेत ये लोग

अरुमुगासामी पैनल ने अपनी जांच रिपोर्ट में एआईएडीएमके की लोकप्रिय नेता जयललिता की विश्वासपात्र रहीं वीके शशिकला, उनके रिश्तेदार और डॉक्टर शिवकुमार, पूर्व हेल्थ मिनिस्टर सी विजयभास्कर और तत्कालीन मुख्य सचिव राम मोहन राव व अन्य के विरूद्ध सरकारी जांच की सिफारिश की है। राज्य सरकार ने इन सिफारिशों पर कानूनी राय लेने का विचार किया है। जस्टिस (रि) अरुमुगा सामी ने इस मामले से संबंध रखने वाले 150 लोगों से पूछताछ के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। बता दें कि, जयललिता के साथ रहने वाली पूर्व सांसद शशिकला पुष्पा ने सुप्रीम कोर्ट में पिटिशन दायर कर जयललिता के निधन की सीबीआई जांच करने की मांग की थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। 

6 साल पहले हुई थी सीएम जयललिता की मौत

साल 2016 में लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर छठी बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं बीमार पड़ने के बाद 22 सितंबर 2016 को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती हुई थीं। यहां पर उनका 75 दिनों तक इलाज चला था। 5 दिसंबर 2016 को पूर्व सीएम का 68 वर्ष की उम्र में अपोलो अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया था। जयललिता के निधन के बाद चेन्नई स्थित उनका घर पोएस गार्डन को मेमोरियल में तब्दील कर दिया गया।

कौन थीं जयललिता?

बता दें कि, जयललिता राजनीति में आने से पहले अभिनेत्री हुआ करती थीं। उन्होंने तमिल के अलावा हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु और कन्नड़ सिनेमा में भी किया था। तमिलनाडु के सबसे लोकप्रिय नेता एमजीआर के कहने पर राजनीति में कदम रखने वाली जयललिता 1991 में पहली बार मुख्यमंत्री बनीं। इसके बाद 1996, 2001, 2002 से 2006 तक और 2011 से 2014, 2015 से 2016 तक तमिलनाडु की सीएम रहीं। उनके निधन के बाद पार्टी पर कब्जे को लेकर पूर्व सीएम ओ पन्नीरसेल्वम और पूर्व सीएम पलानीस्वामी के बीच जोर आजमाइश जारी है।

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