Dr. Manmohan Singh Passes Away : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन, दिल्ली एम्स में ली आखिरी सांस
Dr. Manmohan Singh Passes Away : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार की देररात निधन हो गया है। उन्हें करीब रात करीब 8 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था।
Dr. Manmohan Singh Passes Away : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार की देररात निधन हो गया है। उन्हें करीब रात करीब 8 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था। एम्स ने बताया कि अत्यंत दुःख के साथ हम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के 92 वर्ष की आयु में निधन की सूचना दे रहे हैं... उन्हें रात 8:06 बजे नई दिल्ली के एम्स की मेडिकल इमरजेंसी में लाया गया। तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और रात 9:51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पूर्व पीएम के निधन पर देश में शोक की लहर फैल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के कई दिग्गज नेताओं और हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, डॉ. मनमोहन सिंह जी और मैं उस समय नियमित रूप से बातचीत करते थे जब वे प्रधानमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। हम शासन से संबंधित विभिन्न विषयों पर गहन विचार-विमर्श करते थे। उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता हमेशा देखने को मिलती थी। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं डॉ. मनमोहन सिंह जी के परिवार, उनके मित्रों और असंख्य प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक व्यक्त करता है। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया, और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर अपनी मजबूत छाप छोड़ी। संसद में उनके हस्तक्षेप भी व्यावहारिक थे। हमारे प्रधान मंत्री के रूप में, उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूर्व पीएम के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, निस्संदेह, इतिहास आपका न्याय विनम्रता से करेगा, डॉ. मनमोहन सिंह जी! पूर्व प्रधानमंत्री के निधन से भारत ने एक दूरदर्शी राजनेता, एक बेदाग निष्ठावान नेता और एक अद्वितीय कद के अर्थशास्त्री को खो दिया है। आर्थिक उदारीकरण और अधिकार-आधारित कल्याण प्रतिमान की उनकी नीति ने करोड़ों भारतीयों के जीवन को गहराई से बदल दिया, वस्तुतः भारत में एक मध्यम वर्ग का निर्माण किया और करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला।
उन्होंने लिखा, मैं एक आजीवन वरिष्ठ सहयोगी, एक सौम्य बुद्धिजीवी और एक विनम्र आत्मा के नुकसान पर शोक व्यक्त करता हूं, जिन्होंने भारत की आकांक्षाओं को मूर्त रूप दिया, जो अटूट समर्पण के साथ रैंकों में ऊपर उठे। मुझे श्रम मंत्री, रेल मंत्री और समाज कल्याण मंत्री के रूप में उनके मंत्रिमंडल का हिस्सा होने पर गर्व है। शब्दों के बजाय काम करने वाले व्यक्ति, राष्ट्र निर्माण में उनका अपार योगदान हमेशा भारतीय इतिहास के पन्नों में अंकित रहेगा। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में, मैं उनके परिवार, दोस्तों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी और हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्हें इस भारी नुकसान से उबरने की शक्ति मिले। भारत के विकास, कल्याण और समावेशिता की नीतियों को आगे बढ़ाने की उनकी विरासत को हमेशा संजोकर रखा जाएगा। उनकी आत्मा को शांति मिले।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, पूर्व प्रधानमंत्री एवं प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का निधन अत्यंत दुःखद एवं भारतीय राजनीति की अपूरणीय क्षति है। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश की शासन व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति एवं उनके शोकाकुल परिजनों व समर्थकों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
दस साल रहे प्रधानमंत्री
डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे है। वह इस साल की शुरुआत में ही राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए, जिससे 33 साल बाद उच्च सदन में उनकी राजनीतिक पारी समाप्त हो गई। वह भारत के एकमात्र सिख प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने 1991 में राज्यसभा में प्रवेश किया था, जून 1991 में पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने उच्च सदन में पांच कार्यकालों तक असम का प्रतिनिधित्व किया और 2019 में राजस्थान चले गए। संसद में उनका अंतिम हस्तक्षेप नोटबंदी के खिलाफ था, जिसे उन्होंने "संगठित लूट और वैधानिक लूट" बताया था।
अविभाजित पंजाब प्रांत में हुआ था जन्म
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब प्रांत के गेह नामक स्थान पर हुआ था। तब पंजाब प्रांत भारत का हिस्सा हुआ करता था। लेकिन सन 1947 के बंटवारे के बाद यह पाकिस्तान का हिस्सा हो गया और डॉ. मनमोहन सिंह का परिवार भारत आ गया। विस्थापन का दर्द झेल रहे डॉ मनमोहन सिंह ने कभी भी संसाधनों के अभाव का रोना नहीं रोया। उन्होंने मेहनत के दम पर स्कॉलरशिप हासिल कर देश और विदेश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की।
सन् 1948 में डॉ. सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक परीक्षा पास की। उसके बाद सन् 1957 में अर्थशास्त्र में ऑनर्स की डिग्री ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से हासिल की। सन 1962 में वे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में डी०फील की उपाधि हासिल की। उसके बाद प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री राल प्रेविश के साथ काम करने लगे। सन 1969 में मनमोहन सिंह ने भारत आने का निर्णय लिया।
नरसिम्हा राव सरकार में बने थे वित्तमंत्री
डॉ. मनमोहन सिंह वापस मुल्क लौटे और पंजाब विश्वविद्यालय एवं दिल्ली स्कूल आफ इकोनॉमिक्स में बतौर शिक्षक अपनी सेवा देने लगे। सन् 1971 में डॉ. सिंह देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाए गए। इसके बाद से मनमोहन सिंह ने मुड़कर कभी पीछे नहीं देखा। वित्त मंत्रालय के सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार समेत कई बड़े पदों पर मनोनीत होते रहे। सन् 1991 में राजीव गांधी की हत्या हो गई थी और काँग्रेस पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में सरकार बनाने जा रही थी। इस दौरान डॉ. मनमोहन सिंह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष हुआ करते थे। उस समय वह किसी विदेश यात्रा से लौटे थे और उनके साथियों ने उनसे कहा कि आप को वित्त मंत्री बनाया जा रहा है, लेकिन मनमोहन सिंह ने बात नहीं मानी और तय समय से अपने ऑफिस चले गए। बहादुरशाह जफर मार्ग स्थित अपने कार्यालय में बैठे डॉ सिंह को पीवी नरसिम्हा राव का फोन आया। पीवी नरसिम्हा राव ने कहा कि तुम वहां क्या कर रहे हो? घर जाओ और तैयार होकर सीधे राष्ट्रपति भवन आ जाओ। इसी घटना के साथ वित्त मंत्री के रूप में डॉ मनमोहन सिंह ने शपथ ली।