कैसे करते नीतीश कुमार उद्घाटन, जब पहले ही 300 करोड़ के बांध का हो गया समापन
पटना: 389. 31 करोड़ रुपए की लागत से 40 साल पहले शुरू हुई बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर योजना के बांध के उदघाट्न की जब घड़ी आई, तो हर कोई उत्साहित था। लेकिन यह ख़ुशी उस समय बांध के पानी के साथ बह गई, जब बांध उदघाट्न के ठीक एक दिन पहले मंगलवार शाम को टूट गया।
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सबसे अच्छी बात यह रही कि पानी गांव में नहीं घुसा, नहीं तो कई लोग प्रभावित हो सकते थे। ये बांध कहलगांव NTPC आवासीय एरिया CISF क्वाटर के पास में करीब 6 फीट टूटा है।
जब नहर का पानी जवानों के क्वार्टर में घुसने लगा तो वहां खलबली मच गई। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 20 सितंबर यानी कि आज इस बांध का उदघाट्न करने वाले थे। पर अब यह कार्यक्रम टाल दिया गया है।
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लापरवाही या कुछ और?
बता दें कि गंगा पंप नहर योजना के बांध पर 389. 31 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। यह योजना लिफ्ट सिंचाई दर्जे की योजना है। वहीं पीरपैंती के विधायक रामविलास पासवान ने बांध के टूटने को इंजीनियर और ठेकेदार के एलायंस का नतीजा बताया है।
इसके अंतर्गत भागलपुर के कहलगांव ब्लॉक के शेखपुरा ग़ांव के पास गंगानदी के तट पर स्थित कौआ व गंगा नदी के संगम के पास पंप हाउस नंबर 1 बनाया गया है। इससे डेढ़ किलोमोटर आगे शिवकुमारी पहाड़ी के पास पंप हाउस नंबर दो बनाया है। दोनों से पानी को दो स्टेज पर 17 और 27 मीटर लिफ्ट कर मुख्य नहर व वितरण प्रणाली को सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाना है।
इस योजना से भागलपुर ज़िले की 18620 हेक्टेयर और झारखंड के गोड्डा ज़िले की 22658 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो सकेगी। जिससे बिहार, झारखंड दो राज्योंको फायदा होगा। योजना आयोग ने इसकी मंजूरी 1977 में दी थी। बांध की दीवार टूटने से ज़िले के प्रशासनिक अधिकारियों में अफरा-तफरी मची हुई है शर्म की वजह से वह फोन भी नहीं उठा रहे हैं