स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा गोवा जनमत संग्रह

गोवा में नये शैक्षणिक वर्ष में इतिहास की एक पाठ्यपुस्तक में 1967 में हुई उस ऐतिहासिक रायशुमारी को भी शामिल किया जाएगा जिसमें गोवा के लोगों ने महाराष्ट्र के साथ विलय के विरोध में मत दिया था।

Update: 2019-05-01 12:47 GMT

पणजी: गोवा में नये शैक्षणिक वर्ष में इतिहास की एक पाठ्यपुस्तक में 1967 में हुई उस ऐतिहासिक रायशुमारी को भी शामिल किया जाएगा जिसमें गोवा के लोगों ने महाराष्ट्र के साथ विलय के विरोध में मत दिया था। वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

गोवा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन (जीबीएसएचएसई) ने इस साल से नौवीं कक्षा की इतिहास की किताब में इस संबंध में एक अध्याय शामिल करने का फैसला किया है।

जीबीएचएचएसई के अध्यक्ष रामाकृष्ण सामंत ने बताया कि दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने स्कूल पाठ्यक्रम में इस अध्याय को शामिल करने का निर्देश दिया था।

उप मुख्यमंत्री विजय सरदेसाई की अगुवाई वाली गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने भी रायशुमारी को स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की मांग की थी। वर्ष 1961 में पुर्तगाली शासन से गोवा को मुक्ति मिलने के बाद यह एक केन्द्र शासित क्षेत्र बना था।

तत्कालीन सत्तारूढ़ ‘महाराष्ट्रवादी’ (महाराष्ट्र समर्थक) गोमांतक पार्टी की अगुवाई में लोगों का एक वर्ग इसके पड़ोसी राज्य के साथ विलय का पक्षधर था जबकि अन्य गोवा का एक अलग अस्तित्व रखना चाहते थे।

विलय विरोधी समूह की अगुवाई कार्यकर्ता डॉक्टर जैक सिकेरा कर रहे थे 16 जनवरी 1967 को एक रायशुमारी कराई गई जिसमें भाग लेने वाले अधिकतर लोगों (करीब 54 प्रतिशत) ने विलय का विरोध किया।

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