साल में 20 अरब यूनिट बिजली बचाने के लिए ये नियम ला सकती है सरकार

Update: 2018-06-23 05:20 GMT
फ़ाइल फोटो

नई दिल्ली: बिजली की बचत और लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रख केंद्र सरकार घर और ऑफिस में एसी का तापमान 24 डिग्री पर ही रखने का नियम ला सकती है। इससे देश में सालाना 20 अरब बिजली की खपत कम होगी और लोगों पर से बिजली बिल का बोझ भी कम होगा।

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गर्मियों का मौसम है और करीब-करीब हर घर में एसी का इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ रही है। हालांकि घर-ऑफिस में एसी का आदर्श तापमान कितना रखा जाए, इसकी जानकारी भी लोगों को कम ही होती है इसीलिए अब सरकार इसको लेकर एक नियम ला सकती है।

सामान्य स्तर 24 डिग्री तक किया जा सकता है तय

बिजली मंत्रालय आने वाले समय में एयर कंडीशनर (एसी) के लिए तापमान का सामान्य स्तर 24 डिग्री तय कर सकता है और अगर ऐसा होता है तो देश में सालाना 20 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने एयर कंडीशन (एसी) के क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने का अभियान शुरू करते हुए कहा, एयर कंडीशनर में तापमान ऊंचा करने से बिजली खपत में 6 प्रतिशत की कमी आती है।

एयर कंडीशनर बनाने वाली प्रमुख कंपनियों एवं उनके संगठनों के साथ बैठक में उन्होंने कहा, शरीर का सामान्य तापमान 36 से 37 डिग्री सेल्सियस है लेकिन वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, होटल तथा दफ्तरों में तापमान 18 से 21 डिग्री रखा जाता है।

वास्तव में है अस्वास्थ्यकर

यह न केवल तकलीफदेह है बल्कि वास्तव में अस्वास्थ्यकर भी है। इस तापमान में लोगों को रात में सोते वक्त गर्म कपड़े पहनने पड़ते हैं या कंबल का उपयोग करना होता है। आर के सिंह ने कहा कि यह वास्तव में ऊर्जा की बर्बादी है। जापान जैसे कुछ देशों में तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रखने के लिए नियम बनाए गए हैं।

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आधिकारिक बयान के अनुसार, बिजली मंत्रालय के तहत आने वाले ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने इस संदर्भ में एक अध्ययन कराया है और एयर कंडीशनर में तापमान 24 डिग्री सेल्सियस निर्धारित करने की सिफारिश की है। इस दिशा में शुरुआत करते हुए हवाईअड्डा, होटल, शापिंग मॉल समेत सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और विनिर्माताओं को परामर्श जारी किया जाएगा।

साथ ही उस पर लेबल लगाकर ग्राहकों को यह बताने को कहा गया है कि उनके पैसे की बचत और बेहतर स्वास्थ्य के नजरिए से कितना तापमान नियत करना बेहतर है। यह तापमान 24 से 26 डिग्री के दायरे में होगा। चार से छह महीने के जागरूकता अभियान के बाद लोगों की राय जानने के लिये सर्वे किया जाएगा। उसके बाद मंत्रालय इसे अनिवार्य करने पर विचार करेगा।

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