सोशल मीडिया पर बड़ी खबर: सरकार ला रही ये नया नियम, पढ़िए पूरी डिटेल
अब सरकार सोशल मीडिया पर काबू रखने के लिए नए नियम लाने की तैयारी में है। इन प्लेटफॉर्म पर और इंटरनेट के जरिए वीडियो कंटेट का प्रचार कर रहे ओटीटी प्लेटफॉर्म के कंटेट पर तीन लेवल पर निगरानी रखी जाएगी।
नई दिल्ली: बीते दिनों भारत सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) के बीच बड़ा बवाल देखने को मिला। जिसके बाद अब सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। दरअसल, सरकार जल्द ही सोशल मीडिया कंपनियों को काबू में रखने के लिए नए नियम ला सकती है। जिसके बाद किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई भी फेक न्यूज किसने और कब चलाया, सरकार यह जान सकेगी।
36 घंटे में हटाने होंगे विवादित पोस्ट
बताया जा रहा है कि इन प्लेटफॉर्म पर और इंटरनेट के जरिए वीडियो कंटेट का प्रचार कर रहे ओटीटी प्लेटफॉर्म के कंटेट पर तीन लेवल पर निगरानी रखी जाएगी। इसके साथ ही नए नियम के मुताबिक, सोशल मीडिया (Social Media) कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म से 36 घंटे के अंदर विवादित पोस्ट रिमूव करने होंगे। इसके अलावा जांच या साइबर सिक्योरिटी घटना में आग्रह के 72 घंटे के अंदर जानकारी देनी होगी।
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नए नियमों के तहत अश्लील कंटेंट से जुड़ी पोस्ट को शिकायत के एक दिन के अंदर प्लेटफॉर्म से हटाना होगा। इतना ही नहीं, अब इन कंपनियों को चीफ कंप्लायंस ऑफिसर ग्रिवेंस रिड्रेसल ऑफिसर की भी नियुक्ति करनी होगी, जो कि भारतीय नागरिक होने चाहिए।
ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिए पैदा हुए कई विवाद
बता दें कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिए बीते एक साल में कई विवाद पैदा हुए। फिर चाहे वो कोई टीवी सीरीज रही हो, या फिर झूठे वीडियो, फोटो, संदेश, फैलाकर दंगे भड़काना या किसी भ्रामक तथ्य के जरिए किसी व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाना हो। हालांकि बाद में ग से पैदा हुए। ओटीटी प्लेटफॉर्म माफी मांगकर उस कंटेंट को हटाकर या फिर नीतियां बदलकर बचते रहे हैं, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो जाता है।
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सरकार की तीन स्तरीय निगरानी
ऐसे में अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपना मॉडरेटर रखना होगा। जो इनके जरिए फैलाई जा रही ही सामग्री के लिए जिम्मेदार होगा। अगर उनके मॉडरेशन में गलती पाई जाती है तो सजा दी ज सकेगी। दूसरे स्तर पर सरकार नियामक एजेंसी बनाएगी। इस एजेंसी में हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज हो सकते हैं।
इसके अलावा तीसरे स्तर पर सरकारी संस्थाएं होंगी जो इन प्लेटफॉर्म पर निगरानी रखेंगे। साथ ही मामले सामने आने पर दोषी कंपनी को सजा दे सकेंगे। उनके पास खास पावर उस कंटेंट को ब्लॉक करने की होगी। वहीं, नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म तीन स्तरीय निगरानी प्रणाली के तहत रखे जाएंगे। शो को 'यू' और 'ए' रेटिंग देनी होगी।
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