श्रीनगर : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि कश्मीर में उनके दौरे के दौरान वह इससे आश्वस्त हुए कि घाटी में स्थिति बेहतर हो रही है।
सिंह ने श्रीनगर में कहा, "मैंने जो बीते दो, तीन दिनों के दौरान यहां देखा उससे मैं आश्वस्त हूं कि शांति का पेड़ यहां नहीं सूखा है और मैं पेड़ पर शांति के नए हरे पत्ते देख सकता हूं।"
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उन्होंने कहा, "मैंने यह गिनती नहीं की है कि मैं यहां कितनी बार आया हूं। अगर मुझे शांति स्थापना के लिए यहां 50 बार आना पड़ा तो भी मैं यहा आउंगा।"
गृहमंत्री ने कहा कि अपने दौरे के दौरान वह 55 प्रतिनिधियों से मिले और किसी से भी बिना किसी भेदभाव के मिलने के लिए तैयार हैं।
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उन्होंने कहा, "मैं यहां छात्र, शिक्षक समेत गैर-राजनीतिक लोगों से मिला हूं। हर बीतते हुए दिन के साथ स्थिति बेहतर होती जा रही है। यहां स्थिति पूरी तरह नहीं सुधरी है, लेकिन इसमें सुधार हो रहा है। मैं ऐसे किसी भी लोगों से बातचीत का मौका नहीं छोड़ना चाहता हूं जिनसे बातचीत संभव है।"
उन्होंने कहा कि दक्षिण कश्मीर में शहीद पुलिसकर्मी को श्रद्धांजलि अर्पित करते वक्त मेरी आंखों में आंसू आ गए।
उन्होंने कहा, "कश्मीरी पुलिसकर्मी को श्रद्धांजलि देते समय मेरे दिमाग में एएसआई अब्दुल राशिद की बेटी जोहरा का चेहरा घूम रहा था। हम कश्मीर में सभी चेहरे पर मुस्कान चाहते हैं।"
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उन्होंने कहा कि राज्य पुलिसकर्मियों को केंद्रीय सशस्त्र बलों की तरह अशांत क्षेत्र भत्ता दिए जाने के मुद्दे पर विचार किया जा रहा है।
सिंह ने कहा, "मैंने राज्य को प्रधानमंत्री विकास निधि के रूप में दी गई धनराशि के क्रियान्वयन पर प्रगति की समीक्षा की है। राज्य को पहली किश्त के अंतर्गत 85,000 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है और यह आंकड़ा एक सौ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाएगा।"
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उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को अपराध के लिए उकसाया जाता है उनके साथ अपराधी की तरह व्यवहार न किया जाए। उनके साथ किशोर न्याय प्रणाली के तहत व्यवहार होना चाहिए और जेल में बंद नहीं करना चाहिए। उन्हें समुचित सलाह दिया जाने की जरूरत है। मैंने सुरक्षाबलों से कहा है कि अभियान के दौरान ज्यादा सख्ती न बरती जाए।
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उन्होंने आतंकवादियों पर कश्मीर की एक पीढ़ी को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अब दूसरी पीढ़ी को बर्बाद नहीं होने देगी।
सिंह ने कहा, "गरीब लोग, व्यापारी, सकारात्मक विचार के साथ युवा, पर्यटन मंत्रालय बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। गलत संदेश बाहर जाने के बाद, पर्यटकों ने यहां आना बंद कर दिया है। मैं उन्हें यह संदेश देना चाहता हूं कि कश्मीर के लोग आपका स्वागत करने को तैयार हैं, यहां कोई भी खतरा नहीं है।"
भीड़ नियंत्रित करने के लिए पेलेट गन के इस्तेमाल पर उन्होंने कहा, "भीड़ नियंत्रित करने के लिए हमें कार्रवाई करनी पड़ती है। हम पेलेट गन के विकल्प के रूप पावा गन को लेकर आए, लेकिन मैंने पहले भी कहा है कि यह बहुत प्रभावशाली नहीं है। पहले की तुलना में, घाटी में भीड़ नियंत्रित करने के दौरान कम लोग घायल हुए हैं।"
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यह पूछे जाने पर कि क्या राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने बैठक के दौरान उनसे राज्य में अफ्सपा हटाने के संबंध में बातचीत की है, इस पर उन्होंने कहा, "किसी भी प्रतिनिधिमंडल ने बैठक के दौरान मुझसे अफ्सपा हटाने के संबंध में बातचीत नहीं की।"