गुजरात ATS को मिली बड़ी कामयाबी, दाऊद इब्राहिम पर आई ये खबर

काफी समय से भारतीय जांच एजेंसी और पाकिस्तानी जांच एजेंसी के बीच मुन्ना झिंगाड़ा की नागरिकता को लेकर बैंकाक की अदालत में कानूनी जंग चल रही थी, जिसमें भारत जीत गया था. लेकिन इसके बाद दाऊद के इशारे पर आईएसआई (ISI) ने अदालत में फिर से अपील की

Update:2020-05-23 23:17 IST
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अहमदाबादः गुजरात पुलिस की एटीएस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी । खबरों के मुताबिक पुलिस के आतंक निरोधक दस्ते (ATS) कुख्यात बाबू सोलंकी को गिरफ्तार किया है। बाबू 14 साल से फरार था। इससे भी बड़ी खास बात की वह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ कहा जाता था। बाबू सोलंकी मेहसाणा के उंझा का रहने वाला है और मुंबई से ऑपरेट करता है।

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कई मामले दर्ज

बाबू सोलंकी पर टाडा, आर्म्स एक्ट, नार्कोटिक्स के तहत कई मामले दर्ज हैं। साल 2006 में बाबू सोलंकी का नाम पहली बार धमकी देकर पैसे वसूलने के मामले में आया था। उस समय 10 करोड़ रुपये की वसूली का मामला बताया गया था।

दाउद से जुड़े तमाम मामले अक्सर सुर्खियों में रहते हैंं। पिछले साल अक्टूबर में बैंकाक की जेल में बंद सैयद मुदस्सर हुसैन उर्फ मुन्ना झिंगाड़ा को वहां की अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद पाकिस्तानी नागरिक घोषित कर दिया। इसके बाद आईएसआई और दाऊद के लोग उसे बैंकाक से पाकिस्तान ले गए।

बता दें कि साल 2000 में मुन्ना झिंगाड़ा ने बैंकाक में छोटा राजन पर हमला किया था। इसके बाद बैंकाक पुलिस ने उसे पाकिस्तानी पासपोर्ट के साथ गिरफ्तार किया था। काफी समय से भारतीय जांच एजेंसी और पाकिस्तानी जांच एजेंसी के बीच मुन्ना झिंगाड़ा की नागरिकता को लेकर बैंकाक की अदालत में कानूनी जंग चल रही थी, जिसमें भारत जीत गया था. लेकिन इसके बाद दाऊद के इशारे पर आईएसआई (ISI) ने अदालत में फिर से अपील की।

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कानूनी जंग

 

भारत के मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद ने मुन्ना की खातिर पानी की तरह पैसा बहाया और फर्ज़ी दस्तावेजों के आधार पर मुन्ना झिंगाड़ा को पाकिस्तानी नागरिक साबित करने की कोशिश की। इसके बाद अदालत ने सैयद मुद्दसर हुसैन उर्फ मुन्ना को पाकिस्तानी नागरिक घोषित कर दिया। इसके बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) और डी कंपनी के लोग उसे बैंकाक से कराची ले गए। इससे पहले बैंकाक की माहा छाई रोड़ पर बनी सबसे पुरानी और हाई सिक्योरिटी जेल में सैयद मुदस्सर हुसैन उर्फ मुन्ना को भारी सुरक्षा के बीच रखा गया था। उसे कैदी नम्बर 8 मिला था। उसे लेकर पिछले 2 साल से हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच बैंकाक की क्रिमिनल कोर्ट लट फारो में कानूनी जंग चल रही थी।

एटीएस के डीआईजी ने कहा कि बाबू सोलंकी इस घटना के बाद से ही फरार था। वह मुंबई भाग गया था और बॉडीगार्ड की नौकरी करने लगा था। वह कई बार गुजरात में गिरफ्तार हो चुका है। 2006 में उसे फिरौती के मामले में, 2008 में 32 लाख की लूट केस में, 1996 में मुंबई में हत्या के मामले में और 2015 में सिद्धपुर में एक डकैती के मामले में उसके खिलाफ केस भी दर्ज हो चुका है। 2019 में फर्जी पुलिसवाला बनने के आरोप में भी उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

 

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