H3N2 Virus: सावधान! H3N2 वायरस से बच कर रहें, गंभीर बीमारी पैदा कर रहा
H3N2 Virus: एच3एन2 वायरस काफी गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकता है। खासकर ये वायरस सांस के रोगियों और बुजुर्गों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
H3N2 Virus: भारत में इन्फ्लूएंजा के सब वेरियंट एच3एन2 वायरस का प्रकोप फैलता जा रहा है और एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि इस वायरस से संक्रमित लोगों में से दस फीसदी को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है। मतलब ये कि एच3एन2 वायरस काफी गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकता है। खासकर ये वायरस सांस के रोगियों और बुजुर्गों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
आजकल एडेनोवायरस के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जो कि एक डीएनए वायरस है। यह खासतौर से बच्चों को अपनी चपेट में लेता है और एच3एन2 के साथ मिलकर गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है। इस बीच कोरोना के केसेज भी बढ़ने लगे हैं और देश में एक्टिव केसेज की संख्या तीन हजार हो गई है।
केंद्र सरकार सतर्क
केंद्र सरकार ने कहा है कि वह इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए है। उसने लोगों से नहीं घबराने की अपील की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मौसमी इन्फ्लूएंजा की स्थिति पर एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम, आईडीएसपी नेटवर्क के जरिए कड़ी नजर रखे हुए है। एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि मार्च महीने के अंत तक इन केसों में गिरावट आने की उम्मी द है। मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि वह मौसमी इन्फ्लूएंजा के एच3एन2 सबटाइप के कारण होने वाली बीमारी और मृत्यु दर पर भी नजर रखे हुए है। बयान में कहा गया है कि मौसमी इन्फ्लूएंजा के लिहाज से बच्चें और उम्रदराज लोग सबसे कमजोर समूह हैं। इस मामले में भी कोरोना की तरह दूसर बीमारी से ग्रसित लोगों को इस वायरस से खतरा है।
क्या है ये वायरस
एच3एन2 वायरस इंफ्लुएंजा ए के एच1एन1 का म्यूटेट हुआ वैरिएंट है, जो कि किसी भी उम्र के व्यक्ति को किसी भी समय शिकार बना सकता है। सीडीसी के मुताबिक, इसके लक्षण किसी भी अन्य सीजनल फ्लू की तरह हो सकते हैं, जिसमें खांसी, नाक बहना, जी मिचलाना, शारीरिक दर्द, उल्टी व डायरिया आदि शामिल हो सकते हैं।
अलग टेस्ट नहीं
इस वायरस के लिए अलग से टेस्ट नहीं हो रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि एच3एन2 वायरस, एडिनो वायरस और पेरा इन्फ्लुएंजा और रेस्पिरेटरी इंफेक्शन आमजन को अधिक प्रभावित कर रहा है। लोगों को मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, साफ सफाई का खयाल रखना चाहिए। बुखार, खांसी हाेने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और खुद या दुकानदार से पूछ कर कोई दवा बिल्कुल नहीं लें। सांस लेने में तकलीफ हो या छाती में दबाव महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
इस वायरस के लिए बदलता मौसम खतरनाक है और इस बदलाव में अधिक एक्टिव होते हैं। साथ ही तेजी से फैलते भी हैं। वायरस की वजह से जो बुखार तीन से पांच दिन में सही होता था, वह अब 7 से 8 दिन ले रहा है।