नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुरुवार कहा कि निर्वाचन आयोग को पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास)के नेता हार्दिक पटेल द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करनी चाहिए। हार्दिक पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी के प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन पर उन्हें उस समय 1200 करोड़ रुपये की पेशकश करने का आरोप लगाया था जब वह जेल में थे।
पार्टी ने यह भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पैसे और शारीरिक शक्ति के माध्यम से राजनीतिक समर्थन खरीदने के लिए 'जमकर खरीदारी' कर रही है। पार्टी का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो, 'कभी भी बेहद साधरण मुद्दों पर बोलने का अवसर नहीं गंवाते हैं, उन्हें अब बोलना चाहिए'।
पटेल ने बुधवार को दावा किया कि भाजपा ने एक वरिष्ठ नौकरशाह के जरिए 1200 करोड़ रुपये के सौदे की पेशकश की थी, जब वह जेल में थे। पटेल ने कहा कि उन्होंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "भाजपा बेशर्मी से रिश्वत, खरीद फरोख्त, पैसे के दुरुपयोग और शारीरिक शक्ति, दबाव और धमकियों के कथित कृत्यों में शामिल है।"
उन्होंने कहा, "भाजपा, गुजरात में डूबता जहाज बन गई है, वह तैरने के लिए तिनके का सहारा ले रही है। हार्दिक पटेल द्वारा किए गए कल (बुधवार को) के खुलासे ने हमारे आरोपों को मजबूत किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का गुजरात में पूरी तरह से सफाया होने वाला है।"
उन्होंने कहा कि 'यह जनता की नजरों में है कि भाजपा ने पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के नेताओं को रिश्वत, धमकियों और बेईमान तरीकों का इस्तेमाल करते हुए कैसे उकसाया और लुभाया है।'
सिंघवी ने कहा, "नवीनतम गाथा 1200 करोड़ रुपये के विशाल प्रस्ताव की है जिसका खुलासा हार्दिक पटेल ने कल (बुधवार को) अपनी प्रेस वार्ता में किया।"
उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग को इस मामले की जांच करनी चाहिए और इसके नतीजों को सार्वजनिक करना चाहिए।"
--आईएएनएस