Haryana Violence Update: सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में हरियाणा के कई जिले, परीक्षाएं रद्द, स्कूल-कॉलेज और इंटरनेट बंद
Nuh Violence Update:ब्रजमंडल यात्रा में शामिल लोगों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा पत्थरबाजी करने के बाद माहौल बेकाबू हो गया और फिर देखते ही देखते पूरा नूंह शह जंग के मैदान में तब्दील हो गया।
Haryana Nuh Violence Update: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से महज डेढ़ घंटे की दूरी पर स्थित हरियाणा का नूंह जिला सोमवार को सांप्रदायिक हिंसा की आग में धधक उठा। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा निकाली गई ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुए बवाल ने राज्य के अन्य जिलों को भी हिंसा की चपेट में ले लिया। ब्रजमंडल यात्रा में शामिल लोगों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा पत्थरबाजी करने के बाद माहौल बेकाबू हो गया और फिर देखते ही देखते पूरा नूंह शह जंग के मैदान में तब्दील हो गया।
भारी हिंसा और बवाल को देखते हुए हरियाणा सरकार को केंद्र से मदद मांगनी पड़ी। जिसके बाद सोमवार को ही पैरामिलिट्री की आठ बटालियन को हरियाणा के हिंसा प्रभावित क्षेत्र की ओर रवाना कर दिया गया। रात को ही केंद्रीय सुरक्षा बलों ने पूरे शहर में फ्लैग मार्च निकाला और स्थिति को अपने नियंत्रण में लिया। हिंसा के कारण फंसे लोगों को रेस्क्यू कर उन्हें घर तक पहुंचाया गया।
5 जिलों में हिंसा के कारण तनाव
हरियाणा में सांप्रदायिक बवाल का एपिसेंटर नूंह जिला रहा। जहां सबसे अधिक हिंसा और आगजनी देखने को मिली। लेकिन इसकी लपटों से पड़ोस के जिले भी नहीं बच पाए। नूंह में बवाल के बाद गुरूग्राम, रेवाड़ी, मेवात और फरीदाबाद में भी धारा 144 लगा दी गई। सभी सरकारी, गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों और कोचिंग सेंटरों को 1 अगस्त को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। नूंह और मेवात में इंटरनेट को अगले आदेश तक और कॉलिंग व मैसेज सर्विस को 2 अगस्त तक के लिए निलंबित कर दिया गया है। जिन जिलों में इंटरनेट बैन नहीं किया गया है, वहां सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जा रही है। नूंह में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई हैं।
2 होमगार्ड जवान की मौत, कई जख्मी
नूंह सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में हरियाणा के पुलिसकर्मी भी आए। मेवात में जब हिंसा बेकाबू हो गया तो गुरूग्राम से अतिरिक्त फोर्स भेजा गया। इस बीच हमलावरों ने गुरूग्राम से मेवात जा रहीं पुलिस की गाड़ियों पर पथराव कर दिया। इस हमले में होमगार्ड के दो जवानों नीरज और गुरसेवक की मौत हो गई। इसके अलावा 15 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए, जिनका इलाज मेदांता में चल रहा है।
सोमवार की हिंसा में करोड़ों की संपत्ति स्वाहा
सोमवार को हरियाणा के नूंह जिले के हाल लंबे समय से जातीय हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर की तरह हो गया था। दोनों पक्षों के टकराने के बाद हालात बेकाबू हो गए और पुलिसकर्मी भी खुद को उनके सामने लाचार महसूस करने लगे। दंगाईयों ने छह घंटे तक पूरे शहर में जमकर बवाल काटा। 40 से अधिक गाड़ियों को फूंक दिया गया। सरकारी दफ्तर और पुलिस थाने तक को नहीं बख्शा गया। दुकानों में जमकर लूटपाट की गई और फिर उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। जिले में मचे इस हिंसक तांडव में करोड़ों की संपत्ति एक झटके में स्वाहा हो गई।
कैसे भड़की हिंसा ?
हरियाणा का नूंह और मेवात जिला शुरू से ही सांप्रदायिक रूप से काफी संवेदनशील रहा है। गौ तस्करी के लिए यह इलाका कुख्यात रहा है। हिंदू संगठनों ने काफी पहले तय कर लिया था कि नूंह जिले में ब्रजमंडल यात्रा निकाली जाएगी। महीनों पहले इसकी अनुमति भी प्रशासन से ले ली गई थी। सोमवार को यात्रा तय कार्यक्रम के मुताबिक निकली भी, जिसमें विभिन्न जिलों के लोग भी शामिल हुए। यात्रा के साथ पुलिस की एक टुकड़ी भी चल रही थी। यात्रा जब कल दोपहर को नूंह शहर के तिरंगा पार्क के पास पहुंची तो वहां पहले से मौजूद दूसरे समुदाय के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इतने ही देर में आसपास के छतों से पत्थरबाजी शुरू हो गई, जिसके बाद देखते ही देखते पूरा शहर हिंसा की आग में जल उठा।
दरअसल, इस हिंसा का कनेक्शन गो रक्षक मोनू मानेसर से भी है, जो फिलहाल पुलिस से बचने के लिए फरार चल रहा है। उस पर दो मुस्लिम युवकों की हत्या जो कि कथित रूप से गौ तस्करी में शामिल थे, करने का आरोप है। मोनू लंब समय से बजरंग दल से जुड़ा है। बीते दिनों उसने किसी अज्ञात स्थान से सोशल मीडिया के जरिए लोगों से ब्रजमंडल यात्रा में शामिल होने की अपील की थी। साथ ही उसने ऐलान किया था कि वो खुद भी इसमें शामिल होगा। उसके इस ऐलान से नूंह जिले के मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए और उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया था। सोमवार को जिले में हुए भारी बवाल के पीछे इसे ही बड़ी वजह माना जा रहा है। हालांकि, मोनू मानेसर यात्रा में शामिल नहीं हुआ था। उसने एक संदेश जारी कर बताया कि यात्रा के आयोजकों के कहने पर उसने इसमें शामिल न होने का निर्णय लिया है। क्योंकि उनका कहना था कि इससे तनाव फैल सकता है।