साफ सफाई के बारे में लोगों को बड़े भ्रम होते हैं। रोजाना झाड़ू-पोंछा और डस्टिंग करके लोग सोचते हैं कि घर साफ हो गया लेकिन असलियत यह है कि घर के भीतर सबसे गंदी चीजों पर उनका ध्यान शायद ही जाता है। घर में तमाम ऐसी जगहें हैं जहां बैक्टीरिया जमे रहते हैं और हमारा ध्यान नहीं जाता।
दिन भर की थकान के बाद इंसान जब बिस्तर के तकिये पर सिर रखता है तो बड़ा आराम मिलता है। लेकिन धीरे धीरे यही आरामदेह तकिया बैक्टीरिया और फंगस का अड्डा बन जाता है। तकिये कवर को बीच-बीच में गर्म पानी से धो देना चाहिए और धूप में सुखाना चाहिए।
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बर्तन धोने का स्पंज
बर्तन धोने वाले स्पंज को दो हफ्ते बाद बदल देना चाहिए। स्पंज को समय पर न बदला जाए तो इसमें सबसे ज्यादा बैक्टीरिया छुपते हैं। फिर ये बर्तन को साफ कम और गंदा ज्यादा करते हैं।
किचन का सिंक
बर्तन धोने के दौरान गंदा पानी सिंक से ही बहता है। इस पानी में फैट, तेल और भोजन के टुकड़े होते हैं। 45 फीसदी सिंक में बैक्टीरिया भरे पड़े होते हैं इसीलिए बीच बीच में सिंक की बारीकी से सफाई जरूरी है।
किचन का काउंटर
किचन में गैस रखने वाली काउंटर में खूब कीटाणु बसते हैं। आम तौर पर खाना बनाने के बाद काउंटर को कपड़े से पोंछ दिया जाता है, लेकिन इसके बावजूद बैक्टीरिया वहां बच ही जाते हैं। जरूरी है कि सप्ताह में कम से कम तीन दिन इस काउंटर को साबुन से धो कर सुखा दिया जाए।
चॉपिंग बोर्ड
सब्जी काटने वाले बोर्ड पर भी बैक्टीरिया आसानी से छुप जाते हैं। चाकू से सब्जी, मक्खन या रसीले फल काटते वक्त कटिंग बोर्ड में निशान पड़ते हैं और खाने का सूक्ष्म हिस्सा उनमें फंस जाता है। इसीलिए हर दिन एक बार चॉपिंग बोर्ड को खौलते पानी से धो देना चाहिए।
टूथब्रश होल्डर
लोग आम तौर पर टूथब्रश अकसर बदल देते हैं, टूथपेस्ट नया ले आते हैं, लेकिन टूथब्रश होल्डर नहीं बदला जाता। खुले में रखे टूथब्रश में खूब कीटाणु बसते हैं। यही नहीं खुले में रखे टूथब्रश पर कॉकरोच आदि भी चलते हैं। इसलिए ब्रश को बंद कटेनर या कवर में रखा जाना चाएि और इस्तेमाल के पहले व बाद में अच्छी तरह धो देना चाहिए।
स्मार्टफोन
एक इंसान हर रोज कम से कम 20 बार स्मार्टफोन की स्क्रीन देखता है। टच स्क्रीन वाले मोबाइल फोनों में भी बैक्टीरिया खूब छिपे रहते हैं। स्मार्टफोन इस्तेमाल करने के बाद हाथ धोने चाहिए।