हिमाचल: फर्जी शिक्षण संस्थान चलाने वाले गिरफ्तार, हड़पी करोड़ों की छात्रवृत्ति
हिमाचल प्रदेश में ऐसे शिक्षक संस्थानों का पर्दाफाश हुआ है जो शिक्षा के साथ बड़ा मज़ार करते हुए फर्जी संस्थान चला रहे थे साथ ही विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति खुद ही हड़प रहे थे।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में ऐसे शिक्षक संस्थानों का पर्दाफाश हुआ है जो शिक्षा के साथ बड़ा मज़ार करते हुए फर्जी संस्थान चला रहे थे साथ ही विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति खुद ही हड़प रहे थे। इस 265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में नौ फर्जी शिक्षक संस्थानों के तीन निर्देशकों को गिरफ्तार किया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने कार्रवाई करते हुए निदेशकों के घरों समेत अन्य पांच ठिकानों से अहम दस्तावेज जब्त किए हैं।
गिरफ्तार हुए आरोपी
गिरफ्तार हुए आरोपियों में शिक्षण संस्थानों के निदेशक कृष्ण कुमार, राजदीप सिंह और बबिता राज्टा शामिल हैं। वही बबिता राज्टा मुख्य आरोपी अरविंद राज्टा की पत्नी है। इन अभी पर आरोप लगाया गया है कि इन्होने प्रदेश में फर्जी तरीके से संसथान खोले जिसमें करीब 29 करोड़ की विभिन्न योजनाओं के तरह मिलने वाली छात्रवृत्ति खुद ही हड़प ली।
सालों से चल रही थी बिना मान्यता संस्थान
चौकाने वाली बात यह है कि यह संस्थान बिना मान्यता कई वर्षों से चल रहा है। किसी को भनक तक नहीं लगी। शिक्षा विभाग विद्यार्थियों के फर्जी दाखिले करा करोड़ों की छात्रवृत्ति भी जारी करता रहा।
खबरों की माने तो, इस फर्जी शिक्षण संस्थानों में शिक्षा निदेशालय के तत्कालीन अधीक्षक अरविंद राज्टा की पत्नी 33 फीसदी की हिस्सेदार थी। इस वजह से इन संस्थानों पर विशेष मेहरबानी बरती गई।
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सीबीआई के हाथ लगे महत्वपूर्ण दस्तावेज
सीबीआई ने आरोपी निर्देशक कृष्ण कुमार और राजदीप सिंह के मोहाली स्थित घरों में दबिश दी है। साथ ही सीबीआई ने बबिता राज्टा के भाई राकेश घास्टा के घर पहुँच कर उसके अहम दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। निजी कंपनी चलाने वाले अरविंद राज्टा के भाई के हिस्सेदारों के ढली स्थित दो घरों में भी दबिश के दौरान सीबीआई को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जांच के बाद कई अहम खुलासे हो सकते हैं।
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