लोकपाल पर बड़ी खबर, नेताओं के खिलाफ आई इस शिकायत को नहीं बताया

भ्रष्टाचार पर रोक और लगाम लगाने के लिए 2019 में भारत के लोकपाल का गठन किया गया था। एक चेयरपर्सन और 4 सदस्यों सहित 20 लोगों का स्टाफ नियुक्त किया गया है।

Update: 2020-02-19 11:31 GMT

नई दिल्ली। भ्रष्टाचार पर रोक और लगाम लगाने के लिए 2019 में भारत के लोकपाल का गठन किया गया था। एक चेयरपर्सन और 4 सदस्यों सहित 20 लोगों का स्टाफ नियुक्त किया गया है। अगर आरटीआई में मिले जवाब पर जाएं तो लोकपाल की स्थापना से लेकर 31 दिसंबर 2019 तक यानी 280 दिनों में लोकपाल को भ्रष्टाचार की 1296 शिकायतें मिली हैं।

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लेकिन शिकायतों के आधार पर कितने लोगों की जांच हुई और उसके बाद कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई, इसका जवाब लोकपाल की ओर से आरटीआई में नहीं दिया गया है। लोकपाल के दफ्तर में हर महीने मानदेय/वेतन, भत्तों पर कितना खर्च हो रहा है इसका भी गोलमोल जवाब दिया गया है।

1296 में से 1120 शिकायतों की हुई सुनवाई

आरटीआई में लोकपाल की ओर से बताया गया है कि 27 मार्च 2019 से लेकर 31 दिसंबर 2019 तक लोकपाल को 1296 शिकायतें मिली हैं। इसमें से 1120 शिकायतों की सुनवाई हो चुकी है।

लेकिन आरटीआई में जब यह पूछा गया कि शिकायतें मिलने के बाद कितने लोगों की जांच कराई गई और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई। लेकिन इस सवाल का लोकपाल ने जवाब देते हुए कहा है कि वह इस तरह की जानकारी अलग से नहीं रखता है।

12 कमरे, 2 हॉल वाले दफ्तर का किराया 50 लाख रुपए महीना

आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार भारत के लोकपाल का दफ्तर अशोक होटल, चाणक्यपुरी में है। होटल के 12 कमरों और 2 छोटे हॉल में यह दफ्तर चल रहा है। दफ्तर का हर महीने का किराया 50 लाख रुपए महीना है।

क्या लोकपाल का दफ्तर किसी सरकारी इमारत में शिफ्ट किया जाएगा या उसके लिए एक नई इमारत बनाई जाएगी। जब यह सवाल आरटीआई में पूछा गया तो इसका कोई जवाब नहीं दिया गया।

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कितने सरकारी अफसर और नेताओं के खिलाफ आई शिकायत, नहीं बताया लोकपाल को अब तक मिली शिकायतों में कितनी शिकायत सरकारी अफसरों की आई, सांसद और मंत्रियों की शिकायत कितनी आई। और तो और अलग-अलग राजनीति दलों से जुड़े लोगों की कितनी शिकायतें हैं, इसका जवाब भी लोकपाल की ओर से नहीं दिया गया है।

लोकपाल अधिनियम 2013 के अनुसार वेतन दिया जाता है

सवाल के जवाब में सिर्फ इतना कहा गया है कि शिकायतों का रिकॉर्ड इस तरह से नहीं रखा जाता है। वेतन-भत्तों के बारे में भी जानकारी नहीं दी गई है। वेतन-भत्तों के नाम पर सिर्फ यह बताया गया है कि लोकपाल अधिनियम 2013 के अनुसार वेतन दिया जाता है। जिसके मुताबिक लोकपाल के वेतन-भत्ते देश के मुख्य न्यायाधीश के वेतन-भत्ते के बराबर होते हैं। सदस्यों का वेतन सुप्रीम कोर्ट के जज के वेतन के बराबर होता है।

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