108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आगाज, PM मोदी बोले- भारत में विज्ञान आत्मनिर्भर बनाने वाली होनी चाहिए

Indian Science Congress: पीएम ने कहा कि आज देश की सोच सिर्फ यह नहीं है कि विज्ञान के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाया जाए, बल्कि महिलाओं की भागीदारी से विज्ञान को भी सशक्त बनाया जाए।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2023-01-03 09:31 GMT

PM Narendra Modi (Pic: Social Media)

Indian Science Congress: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (3 जनवरी 2023) को 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने 108वीं विज्ञान-कांग्रेस के वर्चुअल संबोधन में कहा, कि आज देश की सोच सिर्फ यह नहीं है कि विज्ञान के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाया जाए, बल्कि महिलाओं की भागीदारी से विज्ञान को भी सशक्त बनाया जाए।

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा मकसद विज्ञान और शोध को नई गति देना है।  उन्होंने कहा कि विज्ञान के प्रयास तभी फल दे सकते हैं जब उन्हें प्रयोगशालाओं से जमीन पर ले जाया जाए। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की स्थितिगत वृद्धि को रेखांकित करते हुए पीएम ने कहा भारत स्टार्टअप्स में शीर्ष 3 देशों में शामिल है। 2015 तक हम 130 देशों के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें स्थान पर थे, लेकिन 2022 में हम 40वें स्थान पर पहुंच गए हैं।

भारत विज्ञान के क्षेत्र में बना रहा नया स्थान 

पीएम मोदी ने कहा  कि जिस वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आज का भारत आगे बढ़ रहा है, उसका परिणाम भी हम देख रहे हैं। भारत तेजी से विज्ञान के क्षेत्र में विश्व के शीर्ष देशों में से एक नया स्थान बना रहा है।अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। जब देश की सेवा करने का संकल्प विज्ञान के प्रति जुनून के साथ जुड़ जाता है, तो परिणाम भी अभूतपूर्व आते हैं । पीएम मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि डेटा विश्लेषण किस तरह तेजी से आगे बढ़ रहा है। "भारत की 21वीं सदी में, हमारे पास दो चीजें प्रचुर मात्रा में हैं, डेटा और प्रौद्योगिकी। ये भारत के विज्ञान को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। डेटा विश्लेषण तेजी से आगे बढ़ रहा है।

समाज और विज्ञान कर रहा तरक्की

पीएम मोदी ने जी-20 की अध्यक्षता का उल्लेख करते हुए कहा कि जी-20 के प्रमुख विषयों में महिला नेतृत्व भी विकास की एक प्रमुख प्राथमिकता है। अभी भारत को जी-20 की अध्यक्षता की जिम्मेदारी मिली है। पिछले 8 सालों में भारत ने शासन से लेकर समाज और अर्थव्यवस्था तक इस दिशा में कई असाधारण काम किए हैं, जिनकी आज चर्चा हो रही है, पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी इस बात का सबूत है कि समाज भी और विज्ञान भी तरक्की कर रहा है। उन्होने कहा कि पिछले 8 वर्षों में एक्स्ट्रा मोरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट में महिलाओं की भागीदारी दोगुनी हो गई है।

पीएम ने कहा कि यदि वैज्ञानिक समुदाय ऊर्जा आवश्यकताओं के नवाचार की दिशा में काम करता है, तो इससे देश को मदद मिलेगी। "हमें उन विषयों पर काम करने की आवश्यकता है जो संपूर्ण मानवता और भारत की बढ़ती जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण हैं। यदि वैज्ञानिक समुदाय ऊर्जा आवश्यकताओं के नवाचार की दिशा में काम करता है, तो इससे देश को मदद मिलेगी।

बता दें कि भारतीय विज्ञान कांग्रेस का पहला सत्र 1914 में आयोजित किया गया था और आईएससी का 108वां वार्षिक सत्र, पांच दिवसीय कार्यक्रम, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया है, जो इस वर्ष अपनी शताब्दी भी मना रहा है।  

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