INDIA Alliance: नीतीश की नाराजगी दूर करने में जुटी कांग्रेस,राहुल ने की फोन पर बातचीत, INDIA गठबंधन की चुनावी रणनीति पर चर्चा
INDIA Alliance: राहुल ने गुरुवार को नीतीश से फोन पर बातचीत करके इंडिया गठबंधन की चुनावी रणनीति पर चर्चा की है। जानकार सूत्रों के मुताबिक राहुल ने बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार पर भी चर्चा की है।
INDIA Alliance: राजधानी दिल्ली में हाल में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नीतीश से फोन पर बातचीत की है। इसे कांग्रेस की डैमेज कंट्रोल की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान विपक्ष के पीएम चेहरे के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम रखे जाने से नीतीश कुमार और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव नाराज बताए जा रहे हैं।
इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी ने यह प्रस्ताव रखा था जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रस्ताव का समर्थन किया था। इस प्रस्ताव को लेकर नीतीश कुमार नाराज बताए जा रहे हैं जिसके बाद राहुल ने गुरुवार को नीतीश से फोन पर बातचीत करके इंडिया गठबंधन की चुनावी रणनीति पर चर्चा की है। जानकार सूत्रों के मुताबिक राहुल ने बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार पर भी चर्चा की है।
खड़गे का नाम पेश किए जाने पर नीतीश नाराज
इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने अचानक पीएम चेहरे के रूप में खड़गे के नाम का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए अरविंद केजरीवाल का कहना था कि दलित चेहरे के रूप में खड़गे विपक्ष के मजबूत उम्मीदवार साबित होंगे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी इस प्रस्ताव के समर्थन में नजर आए थे। जानकार सूत्रों के मुताबिक ममता की ओर से ही प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव काफी असहज नजर आए थे। नीतीश को खड़गे के नाम का प्रस्ताव किए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
कांग्रेस की डैमेज कंट्रोल की कोशिश
बाद में दोनों नेताओं ने विपक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी हिस्सा नहीं लिया था। इसे भी दोनों नेताओं की नाराजगी से जोड़कर देखा गया था। हालांकि जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने नाराजगी की खबरों को खारिज कर दिया था। वैसे जदयू के कई नेताओं ने भी इस प्रस्ताव को लेकर नाराजगी जताई थी। ऐसे माहौल में राहुल गांधी की ओर से नीतीश कुमार से की गई बातचीत को डैमेज कंट्रोल की कोशिश माना जा रहा है।
राहुल ने साफ किया कांग्रेस का रुख
जदयू से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि नीतीश से बातचीत के दौरान राहुल ने ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम पेश किए जाने पर कांग्रेस का रुख स्पष्ट किया है। उन्होंने विपक्षी एकजुटता के लिए नीतीश की भूमिका को काफी अहम बताया। राहुल का कहना था के विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने में नीतीश कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इंडिया गठबंधन में आगे भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण बनी रहेगी।
राहुल गांधी की नीतीश से बातचीत इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि नीतीश कुमार ने जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 29 दिसंबर को बैठक बुलाई है। उसी दिन पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी होने वाली है। इस बैठक के दौरान नीतीश कुमार के बड़ा फैसला लेने की बात कही जा रही है। हालांकि नीतीश पूरे प्रकरण पर चुप्पी साधे हुए हैं और अभी तक उन्होंने अपनी ओर से कोई बयान नहीं दिया है। नीतीश कुमार की राजनीति का अपना यह अलग स्टाइल है जो समय-समय पर दिखता रहा है।
मंत्रिमंडल के विस्तार पर भी चर्चा
इसके साथ ही राहुल ने बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार पर भी चर्चा की है। नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार काफी दिनों से लटका हुआ है और इस कारण कांग्रेस विधायकों को मंत्री बनने का मौका नहीं मिल पा रहा है। जानकार सूत्रों के मुताबिक नीतीश ने राहुल को जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार करने और कांग्रेस कोटे के विधायकों को मंत्री बनाने का आश्वासन दिया है उन्होंने कांग्रेस नेता को यह भी बताया कि राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव का रुख स्पष्ट न होने के कारण मंत्रिमंडल का विस्तार लटका हुआ है।
नीतीश कुमार की ओर से यह बात कहे जाने के बाद माना जा रहा है कि जदयू और राजद के बीच सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि लालू प्रसाद यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं और इसी कारण वे मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने दे रहे हैं। लालू नीतीश को दिल्ली भेजकर मुख्यमंत्री पद पर अपने बेटे की ताजपोशी चाहते हैं।