INDIA Alliance Meeting: INDIA गठबंधन की बैठक आज, विपक्ष के चेहरे की गुत्थी उलझी, ममता बनर्जी के नाम पर अड़ी टीएमसी
INDIA Alliance Meeting: जदयू की ओर से पहले से ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्ष का चेहरा बनाए जाने की मांग की जाती रही है। दूसरी ओर कांग्रेस के नेताओं को राहुल गांधी के अलावा कोई और चेहरा मंजूर नहीं है।
INDIA Alliance Meeting: विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की आज होने वाली बैठक से पहले ही नेता पद को लेकर घमासान छिड़ गया है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने और सीटों के बंटवारे पर चर्चा के लिए गठबंधन की बैठक आज होने वाली है मगर बैठक से पूर्व ही तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का चेहरा बनाने की बड़ी मांग कर डाली है।
जदयू की ओर से पहले से ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्ष का चेहरा बनाए जाने की मांग की जाती रही है। दूसरी ओर कांग्रेस के नेताओं को राहुल गांधी के अलावा कोई और चेहरा मंजूर नहीं है। ऐसे में विपक्ष के चेहरे की गुत्थी सुलझाना काफी मुश्किल माना जा रहा है। इससे पूर्व विपक्ष के तीन बैठकें हो चुकी हैं मगर अभी तक इन बैठकों में सीट शेयरिंग और विपक्ष के चेहरे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। आज की बैठक में यह मुद्दा उछलने की संभावना जताई जा रही है।
तीन राज्यों की हार से कांग्रेस सबक ले
इंडिया गठबंधन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी रविवार को ही दिल्ली पहुंच गई थीं। सोमवार को उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। हालांकि दोनों नेताओं की मुलाकात में क्या चर्चा हुई है, इस बात का खुलासा नहीं हो सका है। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने गठबंधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है।
इस बीच टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार से कांग्रेस को सबक लेना चाहिए। कांग्रेस को जमींदारी संस्कृति छोड़नी होगी और वह अपने साझेदारों के साथ प्रजा की तरह व्यवहार नहीं कर सकती। इंडिया गठबंधन की जीत को सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस को तीन बार की मुख्यमंत्री और तीन बार केंद्रीय मंत्री रहने वाली टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी को विपक्ष का चेहरा बनाना होगा।
ममता ने दिखाया भाजपा को हराने का दम
घोष ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हाल में हुए विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि इन चुनावों के दौरान कांग्रेस अपने दम पर चुनावी अखाड़े में उतरी थी और उसे भाजपा के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस बार-बार भाजपा को हराने में विफल साबित हुई है जबकि दूसरी ओर ममता बनर्जी की अगुवाई में टीएमसी ने भाजपा को कई बार हराने का रिकॉर्ड बनाया है। इसलिए ममता की दावेदारी में काफी दम है।
टीएमसी नेता के इस बयान पर पश्चिम बंगाल कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया जताई गई है। कांग्रेस प्रवक्ता सौम्या रॉय ने कहा कि हमें भाजपा के खिलाफ किस तरह लड़ाई लड़नी है,इसके लिए हमें टीएमसी से सबक लेने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस ने हमेशा भाजपा के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ी है जबकि टीएमसी ने कई मौकों पर भाजपा के साथ समझौता कर लिया। इस कारण टीएमसी को हमें नसीहत नहीं देनी चाहिए।
ममता के अलावा और भी दावेदार
टीएमसी की ओर से विपक्ष के नेता के रूप में ममता बनर्जी का नाम आगे बढ़ाया जा रहा है जबकि जदयू नेताओं का मानना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी मजबूती के साथ गठबंधन की अगुवाई करने में सक्षम हैं। हालांकि नीतीश कुमार समय-समय पर नेता पद की दावेदारी से इनकार करते रहे हैं मगर दूसरी ओर जदयू नेता हमेशा उनका नाम उछालते रहे हैं। इसे नीतीश कुमार की रणनीति के रूप में भी देखा जाता रहा है।
नीतीश कुमार के अलावा आप की ओर से अरविंद केजरीवाल के नाम की दावेदारी की जाती रही है जबकि कांग्रेस नेताओं को राहुल गांधी के अलावा कोई और चेहरा मंजूर नहीं है। कई नेताओं की ओर से दावेदारी किए जाने के बाद विपक्ष के चेहरे की गुत्थी काफी उलझी हुई है। एक ओर विपक्ष अपना मजबूत चेहरा नहीं तय कर पा रहा है तो दूसरी ओर भाजपा ने पीएम मोदी की सशक्त अगुवाई में एक बार फिर 2024 की जंग में उतारने का ऐलान कर दिया है। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा का उत्साह भी बढ़ा हुआ है। इस कारण विपक्षी गठबंधन की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं।