अब लिपुलेख में चीन ने की यह खुराफात, मुंहतोड़ जवाब देने को भारत का बड़ा कदम

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के मुंहतोड़ जवाब से घबराए चीन ने अब नए इलाकों में खुराफात दिखानी शुरू कर दी है।

Update: 2020-08-02 03:45 GMT

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वादों से पलटकर हालात को उलझाने में जुटा चीन अब नई शरारत पर उतर आया है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के मुंहतोड़ जवाब से घबराए चीन ने अब नए इलाकों में खुराफात दिखानी शुरू कर दी है। चीनी सेना की यह खुराफात उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से लगी एलएसी पर दिख रही है। चीन ने उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से सटे अपने इलाके में करीब एक हजार सैनिकों की तैनाती कर दी है जिससे पता चलता है कि चीन पूर्वी लद्दाख जैसी ही शरारत यहां भी दिखाना चाहता है।

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नेपाल को भी भड़का रहा है चीन

दरअसल चीन एक ऐसा देश है जिस पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता और जो कहता कुछ और है और करता कुछ और है। अपने स्वार्थ को साधने के लिए वह दुश्मन के खिलाफ दूसरों को भड़काने का भी काम करता है। यही काम चीन ने भारत और नेपाल के बीच भी किया है। चीन ने नेपाल को भारत के खिलाफ भड़काकर ऐसे इलाकों को विवादित बनाने की कोशिश की है जिन पर पूर्व में कोई भी विवाद नहीं रहा है। चीन की शह पर ही नेपाल ने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधूरा को अपने नक्शे में शामिल कर विवादित बना दिया है।

अब लिपुलेख में माहौल बिगाड़ने की साजिश

भारत, नेपाल और चीन की सीमा को मिलाने वाले लिपुलेख इलाके को लेकर पहले कोई विवाद नहीं था और यह इलाका हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है। सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच में कोई विवाद नहीं रहा है मगर चीन अब इस इलाके में भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश में लगा हुआ है। लिपुलेख दर्रे के पास चीनी सैनिकों की तैनाती को माहौल बिगाड़ने की कोशिश का हिस्सा माना जा रहा है।

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चीन की हरकतों से भारत सतर्क

जानकार सूत्रों का कहना है कि चीन के इस कदम के बाद भारत भी काफी सतर्क हो गया है और इलाके पर सतर्क निगाह रखे हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती किन्नौर और लाहौल स्पीति इलाके में भी भारत की ओर से काफी सावधानी बरती जा रही है ताकि चीन की हरकतों पर नजर रखी जा सके।

चीन को मुंहतोड़ जवाब देगा भारत

सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड के जिस इलाके में चीनी सैनिकों की तैनाती की गई है, वहां भारतीय सेना पहले से ही सतर्क है। भारतीय सेना की ओर से पहले ही इलाके में तीन बटालियन की तैनाती की जा चुकी है। करीब साढ़े तीन हजार सैनिकों की मौजूदगी के कारण भारतीय सेना वहां पहले से ही काफी मजबूत स्थिति में है।

गंगोत्री इलाके और कुमाऊं में भी भारतीय सेना की दो-दो बटालियन तैनात है। इस तरह मौजूदा समय में उत्तराखंड में भारतीय सेना की छह बटालियन है। इसके साथ ही उत्तराखंड में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान भी काफी संख्या में तैनात हैं। ऐसे में भारत चीन की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है।

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नेपाल की नई साजिश

इस बीच नेपाल सरकार एक नई शरारत पर उतर आई है। नेपाल सरकार गूगल, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को विवादित नक्शे की कॉपी भेजने की कोशिश में जुटी हुई है। इस विवादित नक्शे में नेपाल ने भारत के तीन इलाकों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधूरा को अपना हिस्सा बताया है।

नेपाल के भूमि प्रबंधन मंत्री पदमा आर्यन का कहना है कि इस महीने के मध्य तक विभिन्न एजेंसियों को विवादित नक्शे भेजने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। मंत्रालय की ओर से विवादित नक्शे की 4000 प्रतियां अंग्रेजी में छापने के निर्देश दिए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन्हीं प्रतियों को भेजा जाएगा।

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