LAC पर भारत अलर्ट: सेना ने लद्दाख में तैनात किए टैंक, K-9 वज्र तोपें करेंगी धमाके

सरकार ये दावा कर रही है कि नौ दौर की सैन्य वार्ता के बाद सेनाएं पीछे हटाने का समझौता भारत के पक्ष में है क्योंकि चीन एलएसी पर अपनी घुसपैठ वाला संवेदनशील हिस्सा खाली कर रहा है।

Update: 2021-02-18 15:59 GMT
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कई बंकर, अस्थायी चौकियां और अन्य ढांचों को उत्तरी किनारे वाले इलाकों से हटा लिया है।

रामकृष्ण वाजपेयी

एलएसी पर लगभग दस महीने तक चले गतिरोध के बाद, भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट से अपने सैनिकों और टैंकों को पीछे हटाना शुरू कर दिया है। लेकिन ऐसा लगता है कि पिछले अनुभवों के आधार पर अत्यधिक सतर्कता बरतते हुए भारत सरकार ने एलएसी पर लद्दाख के ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में ट्रायल के लिए तीन होवित्जर तोपें तैनात की हैं। ये तोपें 100 के -9 वज्र तोपों में से अंतिम खेप का हिस्सा हैं जिन्हें सेना में शामिल किया गया है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने इन्हें सेना में शामिल करने का आदेश दिया था।

LAC से सेनाए हटी पीछे, पर भारतीय सेना मोर्चे पर

सरकार ये दावा कर रही है कि नौ दौर की सैन्य वार्ता के बाद सेनाएं पीछे हटाने का समझौता भारत के पक्ष में है क्योंकि चीन एलएसी पर अपनी घुसपैठ वाला संवेदनशील हिस्सा खाली कर रहा है। हालांकि पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने पिछले अनुभवों को देखते हुए इस मामले में चीन से अत्यधिक सतर्क रहने को कहा है। इसके अलावा कुछ रक्षा विशेषज्ञ और विपक्षी नेता भी इस प्रकरण पर चिंता जता चुके हैं।

ये भी पढ़ेँ- सेना का जुगाड़ः चीन को LAC से भगाने में आया काम, ऐसे पाई लद्दाख पर फतह

100 K-9 Vajra Tanks लद्दाख में तैनात

सरकारी सूत्रों ने कहा है कि तीन तोपों को ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में परीक्षण के लिए ले जाया जा रहा है ताकि ये जाना जा सके कि क्या इनका उच्च ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाकों में दुश्मन के खिलाफ प्रयोग किया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि इन तोपों के परीक्षण के आधार पर , भारतीय सेना पहाड़ पर संचालन के लिए स्व-चालित हॉवित्जर की दो से तीन अतिरिक्त रेजिमेंटों के लिए आदेश देने पर विचार करेगी।

लार्सन एंड टुब्रो द्वारा उत्पादित हॉवित्ज़र के संचालन की निगरानी

सेना प्रमुख गुजरात में सूरत के पास हजीरा में लार्सन एंड टुब्रो द्वारा उत्पादित हॉवित्ज़र के संचालन की निगरानी कर रहे हैं। भारतीय सेना ने इनमें से 100 तोपों के ऑर्डर दक्षिण कोरियाई फर्म से लिए और बल की अलग-अलग रेजीमेंट्स में पिछले दो साल से उन्हें शामिल कर रही है।

ये भी पढ़ेँ- धमाके से उड़ेगी चीनी सेना: सीमा पर अब भारत का K9-Vajra Tank, कांपेगें दुश्मन देश

दक्षिण कोरियाई मूल की K9 थंडर का स्वदेशी संस्करण K-9 VAJRA

K-9 VAJRA दक्षिण कोरिया मूल की K9 थंडर का स्वदेशी संस्करण है। स्व-चालित तोपों की रेंज 38 किलोमीटर है और इसे दक्षिण कोरियाई फर्म के साथ साझेदारी में मुंबई स्थित फर्म लार्सन एंड टुब्रो द्वारा निर्मित किया गया है। बोफोर्स घोटाले पर देश में हुए बवाल के बाद भारतीय सेना ने 1986 से कोई नया भारी तोपखाने शामिल नहीं किया था।

K9 वज्र, धनुष और M777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर को शामिल करके सेना अपनी इन्वेंट्री में अत्याधुनिक बना रही है। भारत में बनी होवित्जर तोपों को बड़ी संख्या में जल्द ही सेना में शामिल किए जाने की संभावना है।

Tags:    

Similar News