नई दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक को 13,500 करोड़ रुपए का चूना लगाने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांगी है। नीरव से पहले ब्रिटेन में भारत के कई भगोड़े पनाह ले चुके हैं। इनमें ललित मोदी, विजय माल्या, म्यूजिक डायरेक्टर नदीम शैफी, टाइगर हनीफ, संजीव चावला, रवि शंकरन, लॉर्ड सुधीर चौधरी, राजकुमार पटेल, राजेश कपूर और अब्दुल शाकूर जैसे नाम शामिल हैं।
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2013 से अब तक भारत से गए 5,500 से ज्यादा लोगों ने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण के लिए अर्जी दी। हालांकि, ये सभी अपराधी नहीं हैं। भारत के 121 मोस्ट वांटेंड भगोड़े जिन्होंने भारत में आर्थिक अपराध किया है वो दुनिया के 24 देशों में रह रहे हैं। इनके प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार विभिन्न देशों से अपील भी कर चुकी है। भारतीय भगोड़ों का सबसे पसंदीदा देश ब्रिटेन, अमेरिका, यूएई, कनाडा हैं।
इन चार देशों में हैं 70% भगोड़े
70% यानी 83 भगोड़े इन्हीं 4 देशों में रह रहे हैं। विदेश मंत्रालय में एक आरटीआई के जवाब ये जानकारी दी है। नीरव मोदी, माल्या, मेहुल चौकसे, जतिन मेहता, ललित मोदी समेत 31 भारतीय भगोड़े देश से 40 हजार करोड़ रु से ज्यादा रकम लेकर भागे हैं। ये रकम बैंकों और सार्वजनिक संस्थानों की है। ये 31 नाम फ्रॉड और वित्तीय अपराध में शामिल हैं। इन पर ईडी और सीबीआई 15 अलग-अलग मामलों में केस दर्ज कर चुकी है।
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विदेश मंत्रालय ने अप्रैल में लोकसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में इन नामों की जिक्र किया था।
देश भगोड़े
अमेरिका 38
यूएई 20
कनाडा 13
ब्रिटेन 12
जर्मनी 05
सिंगापुर 05
बांग्लादेश 03
इटली 03
नेपाल 03
अन्य 19
जिन 24 देशों में भगोड़े हैं, उनमें 19 के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है। ब्रिटेन मोदी, माल्या को अवैध अप्रावसियों की लिस्ट में डालकर भारत को प्रत्यर्पित कर सकता है। हाल में भारत ने अवैध अप्रवासियों के प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन से 2 एमओयू साइन किए हैं।
75 हजार भारतीयों के प्रत्यर्पण की सुविधा मिलेगी
इसके अमल में आने के बाद मोदी, माल्या के साथ करीब 75 हजार भारतीयों के प्रत्यर्पण की सुविधा मिलेगी। जो भारत में मनी लॉन्ड्रिंग में आरोपों का सामना कर रहे हैं। इनमें 60 बड़े नाम हैं, जिनका भारत प्रत्यर्पण चाहता है। सरकार ने हाल में ब्रिटेन को 14 लोगों की लिस्ट भी सौंपी है।
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दुनिया के 48 देशों के साथ भारत की प्रत्यपर्ण संधि है। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, हांगकांग, बेल्जियम, बुल्गेरिया, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीट्जरलैंड आदि देश शामिल हैं। ब्रिटेन के साथ यह संधि 1992 में हुई थी।
विदेशों 65 व्यक्तियों का प्रत्यर्पण कराया गया
भारत सरकार के मुताबिक 2002 से मार्च 2018 तक विदेशों से 65 व्यक्तियों का प्रत्यर्पण कराया गया है। इनमें मोनिका बेदी, अबू सलेम, अब्दुल सत्तार, छोटा राजन, अनूप चेतिया, अब्दुल राउफ मर्चेंट जैसे नाम शामिल हैं। सबसे ज्यादा 17 प्रत्यर्पण यूएई से हुआ है।
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यूरोपियन कन्वेंशन ऑन ह्यूमन राइट्स(ईसीएचआर) पर ब्रिटेन ने दस्तखत किए हैं। इसके तहत यदि ब्रिटेन की अदालतों को ऐसा लगता है कि किसी व्यक्ति को प्रत्यर्पित किया गया तो उसे प्रताड़ित किया जा सकता है, मौत की सजा दी जा सकती है या फिर राजनीतिक कारणों से ऐसा कुछ हो रहा है तो वह प्रत्यर्पण के अनुरोध को खारिज कर सकता है।