नई दिल्ली: अमेरिका को ईरान पर प्रतिबंध लगाए एक महीने के अधिक समय हो चुका। अमेरिकी प्रतिबंध की वजह दुनिया का कोई भी देश ईरान के साथ व्यापार नहीं कर सकता है। भारत और चीन ईरान के सबसे बड़े व्यापारिक पार्टनर हैं। अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध में भारत और चीन सहित कुल 8 देशों को कारोबार बंद करने के लिए 6 महीने का समय दिया है।
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ट्रंप ने किया था ईरान पर प्रतिबंध का ऐलान
बता दें हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर प्रतिबंध की घोषणा की थी। साथ ही ट्रंप ने दुनिया धर को धमकी देते हुए कहा था कि 4 नवंबर के बाद यदि कोई देश ईरान से कच्चा तेल खरीदता है तो सख्त से सख्त कदम उठाने के लिए तैयार हैं।
ईरान परमाणु समझौते से अलग हो गया अमेरिका
ट्रंप ने मई में अमेरिका को ओबामा शासन के दौरान 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते से अलग कर लिया था और उस पर फिर से प्रतिबंध लगाए। ट्रंप ने ईरान से तेल आयात करने वाले देशों को 4 नवंबर तक अपना आयात घटाकर शून्य करने के लिए कहा था। साथ ही उन्होंने ऐसा नहीं करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की भी धमकी दी थी।
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समझौते में शामिल अन्य पक्ष प्रतिबंध का कर रहे विरोध
वहीं ईरान के साथ परमाणु समझौते में शामिल अन्य पक्ष अमेरिका के प्रतिबंधों का विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वाले देश ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस हैं। ये देश ईरान के साथ परमाणु समझौते को जारी रखना चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र निरीक्षकों का भी मानना है कि ईरान परमाणु समझौते की शर्तों पर कायम है। हालांकि, इस मुद्दे पर सउदी अरब अमेरिका का एकमात्र समर्थक देश है।
यूको बैंक के जरिए करेगा भुगतान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब भारत यूको बैंक के जरिए ईरान की राष्ट्रीय तेल कंपनी एनआईओसी के बैंक अकाउंट में रुपयों के जरिए भुगतान करेगा। इसके साथ ही ईरान को भुगतान किए जाने वाले रुपयों में से आधी राशि का इस्तेमाल ईरान भारतीय उत्पाद खरीदने में करेगा।
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ईरान से कच्चा तेल आयात करने वालों में भारत दूसरा सबसे बड़ा देश है, पहला नंबर चीन का है। भारत ने पिछले साल ईरान से 22.6 मिलियन टन तेल आयात किया था, जो कि अब 15 मिलियन टन सालाना तक सीमित हो गया है।