भारत उठा लें ये कदम तो पाकिस्तान का हुक्का-पानी हो जाएगा बंद

जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और लगातार उसके नेता बड़बोले बयान दे रहे हैं। कभी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान परमाणु युद्ध की धमकी देते हैं, तो कभी उनके मंत्री शेख रशीद भारत पर हमले की तारीख बताने लगते है।

Update: 2019-08-29 11:15 GMT

लखनऊ: जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और लगातार उसके नेता बड़बोले बयान दे रहे हैं। कभी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान परमाणु युद्ध की धमकी देते हैं, तो कभी उनके मंत्री शेख रशीद भारत पर हमले की तारीख बताने लगते है।

इस बीच अब पाकिस्तान ने घोषणा की है कि वह ची हवाई क्षेत्र (एयरस्पेस) को 31 अगस्त तक बंद रखेगा। हालांकि, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा है कि पाकिस्तान अपने इस क्षेत्र को भारत के लिए बंद करेगा या नहीं इस पर कोई विचार नहीं किया गया है।

ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं कि यदि भारत सच में कराची जाने वाले रास्ते पर प्रतिबंध लगा दे तो पाकिस्तान पर इसका क्या असर होगा?

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1. 60 फीसदी जहाजों के लिए रुक जाएगा मार्ग

कराची पोर्ट ट्रस्ट की माने तो अभी उनके बंदरगाह पर हर साल करीब 1600 जहाज आते हैं। ऐसे में यदि इंडिया अरब सागर में अपनी सीमा में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा देती है तो कराची जाने वाले करीब 60 परसेंट जहाजों को अपने मार्ग में परिवर्तन करना होगा।

यदि ऐसा होता है तो इसका भारी नुकसान पाकिस्तान और चीन दोनों देशों को उठाना होगा। वो इसलिए क्योंकि, चीन के ज्यादातर जहाज बंगाल की खाड़ी से होते हुए श्रीलंका की ओर से अरब सागर के मार्ग से कराची बंदरगाह पहुंचते हैं।

ऐसे में यदि इंडिया अरब सागर में पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाता है तो सभी दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की तरफ से आने वाले जहाजों को अफ्रीका के पास से होकर आगे के रास्ते के लिए जाना पड़ेगा।

इसका असर यात्रा के समय पर पड़ेगा। एक जनकारी के मुताबिक मार्ग बदलने से 24 घंटे या उससे ज्यादा का वक्त भी अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने में लग सकता है।

2. दूरी बढ़ने से जहाजों के ईंधन का खर्च भी बढ़ेगा

यात्रा का समय और दूरी बढ़ने से जहाजों के ईंधन का खर्च भी बढ़ेगा। ऐसे में वे जहाज जो कराची रुककर आगे बढ़ना चाह रहे होंगे, उन्हें किसी और बंदरगाह पर रुकना पड़ेगा।

इससे दूसरे बंदरगाह को आर्थिक तौर पर फायदा होगा। क्योंकि उन्हें वो किराया जो वो जहाज कराची बंदरगाह को देने वाले थे। दूसरे देशों के जहाज अफ्रीका, यमन, ओमान के रास्ते ही पाकिस्तान की तरफ जा पाएंगे। या इन्हीं देशों के बंदरगाहों का उपयोग करेंगे।

 

3. जहाजों की आवक कम होने से कर्मचारियों पर पड़ेगा असर

कराची बंदरगाह पर वर्तमान में 4748 कर्मचारी और 315 अधिकारी काम कर रहे हैं। जहाजों का आवक कम होने से वहां के कर्मचारियों के काम पर असर पड़ेगा।

माल कम आने से दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों का काम रुक जाएगा। सामान उतरेगा नहीं तो कराची पोर्ट ट्रस्ट को भारी नुकसान होगा।

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4. 40 फीसदी तक आ सकती है कमाई में गिरावट

कराची बंदरगाह समुद्र के रास्ते कमाई के मामले में पाकिस्तान को सबसे ज्यादा रेवेन्यू देता है। कराची पोर्ट ट्रस्ट की वेबसाइट की मानें तो पाकिस्तान समुद्र के रास्ते से होने वाली कमाई का करीब 61 फीसदी हिस्सा कराची बंदरगाह से कमाता है।

अगर भारत अरब सागर में प्रतिबंध लगाता है तो उससे कराची बंदरगाह की कमाई में करीब 40 फीसदी की गिरावट आएगी। हो सकता है इससे ज्यादा भी आर्थिक नुकसान हो।

5. भारत पहले भी पाक को सीखा चुका है सबक

बात फरवरी 2019 की है जब भारत सरकार ने कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी थी। उससे हुआ ये कि 800 कंटेनर्स सीमेंट के कराची बंदरगाह पर फंस गए थे। पाकिस्तान के सीमेंट विक्रेताओं को भारी घाटा हो रहा था।

कराची बंदरगाह से भारत की तरफ फल, सीमेंट, रसायन, फर्टिलाइजर, चमड़ा या चमड़े के उत्पाद भारत की तरफ आते हैं। अरब सागर में प्रतिबंध लगाने से कराची बंदरगाह के जरिए पाकिस्तान को करीब 3500 करोड़ की हानि होगी।

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