10 बार दांगी मिसाइलें: भारत ने 35 दिनों में चीन को दहलाया, कांपने लगा ड्रैगन

डीआरडीओ की ओर से बीते 35 दिनों में यह 10वां मिसाइल परीक्षण किया जाएगा। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि एलएसी पर चीन के पीछे हटने से मना करने के बाद डीआरडीओ मेड इन इंडिया प्रोग्राम को बढ़ावा दे रहा है।

Update: 2020-10-10 14:29 GMT
लद्दाख में चीन और भारत के बीच तनाव बरकरार है। इस बीच भारत ने बीते 35 दिनों में यह 10वां मिसाइल परीक्षण किया जाएगा।

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच तनाव बरकरार है। चीन के साथ हुए विवाद के बाद भारत ने अपने रक्षा तंत्र को मजबूत कर रहा। इसके लिए भारते ने अपनी ताकत लगा दी है। भारत लगातार मिसाइल और ताकतवर हथियारों का परीक्षण करने में लगा है। इसी कड़ी में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अगले सप्ताह 800 किलोमीटर रेंज का निर्भय सब-सोनिक क्रूज मिसाइल परीक्षण करने की तैयारी की है। थल और नौसेना में औपचारिक रूप से इस मिसाइल किया जाना है। इससे पहले अंतिम बार इसका परीक्षण किया जाएगा

मिली जानकारी के मुताबिक, डीआरडीओ की ओर से बीते 35 दिनों में यह 10वां मिसाइल परीक्षण किया जाएगा। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि एलएसी पर चीन के पीछे हटने से मना करने के बाद डीआरडीओ मेड इन इंडिया प्रोग्राम को बढ़ावा दे रहा है। इसी के तहत तेजी से सामरिक परमाणु और पारंपरिक मिसाइलों को विकसित करने में जुट गया है।

हर 4 दिनों में मिसाइल का परीक्षण

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसके तहत एक महीने के अंदर हर चार दिनों पर एक मिसाइल का परीक्षण हुआ है। डीआरडीओ के प्रोजेक्ट से जुड़े एक मिसाइल एक्सपर्ट ने बताया कि चीन के साथ बिगड़ते संबंधों के बीच डीआरडीओ को सबकी नजरों से दूर कहा गया है कि फास्ट ट्रैक के तहत मिसाइल प्रोग्राम को पूरा करें, क्योंकि भारत सरकार को सीमा पर शांति के लिए चीन की तरफ से किए गए प्रतिबद्धता पर शक है।

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इन मिसाइलों का परीक्षण

7 सितंबर को भारत ने हाइपरसोनिक टेक्नॉलोजी डेमोनस्ट्रेटर वैकिल (एसएसटीडीवी) का परीक्षण किया गया। इस मिसाइल के परीक्षण के सिर्फ 4 सप्ताह के दौरान सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का परीक्षण हुआ। फिर परमाणु संपन्न शौर्य सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया गया।

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डीआरडीओ ने परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी -2 का परीक्षण किया है। ये मिसाइल सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है, जो 300 किमी की दूरी पर लक्ष्य पर हमला कर सकती है।यह भारत की पहली स्वदेशी सतह से सतह पर रणनीतिक मिसाइल है।

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9 अक्टूबर को भारत ने पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रुद्रम-1' का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल के मिलने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा होज जाएगा।

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