TRENDING TAGS :
अमेरिका और रूस में तनाव: 57 बार परमाणु बॉम्बर्स ने भरी उड़ान, मच जाती तबाही
अमेरिकी परमाणु वैज्ञानिक हांस क्रिस्टेनशेन ने कहा है कि अमेरिकी बॉम्बर्स के काला सागर और आर्कटिक क्षेत्र में 57 मिशन का उद्देश्य यह बताना था कि जब हम उड़ान भरते हैं तो हम अपने लक्ष्य को तत्काल खतरे में डाल देते हैं।
नई दिल्ली: रूस और अमेरिका समेत नाटो देशों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। रूस और नाटो देशों के फाइटर जेट्स में ब्लैक सी और नार्वे के पास आर्कटिक क्षेत्र में आकाश में तनाव बढ़ रहा है। रूस के इसी खतरे को देखकर और इससे निपटने के लिए अमेरिका ने बीते दिनों अपने 6 B-52 परमाणु बमवर्षक विमान ब्रिटेन भेजे थे। ये सभी विमान अब अपने यूएस एयरफोर्स के होम बेस डकोटा वापस चले गए हैं।
ब्रिटेन के फेयरफोर्ड हवाई अड्डे पर तैनाती के दौरान इन बॉम्बर्स ने 57 बार उड़ान भरी थी। इन बॉम्बर को 120 अत्यंत घातक क्रूज मिसाइलों से लैस किया गया था। ये अफ्रीका तथा यूरोप में कहीं भी परमाणु हमला करने में सक्षम थे।
दुनिया में परंपरागत आक्रामक शक्ति का कर सकते हैं इस्तेमाल
इन विमानों के उड़ानों पर अमेरिकी परमाणु वैज्ञानिक हांस क्रिस्टेनशेन ने कहा है कि अमेरिकी बॉम्बर्स के काला सागर और आर्कटिक क्षेत्र में 57 मिशन का उद्देश्य यह बताना था कि जब हम उड़ान भरते हैं तो हम अपने लक्ष्य को तत्काल खतरे में डाल देते हैं। इसके साथ ही यह भी बताना था कि हम पूरी दुनिया में परंपरागत आक्रामक शक्ति का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ये भी पढ़ें...हाथरस पर बड़ा खुलासा: वाह री, यूपी पुलिस! सरकारी डॉक्टर को बता रहे नक्सली…
क्रिस्टेनशेन ने बताया कि अमेरिका ने जिन B-52 बॉम्बर्स को यूरोप में तैनात किया था, वे परमाणु क्रूज मिसाइल से भी हमला करने में सक्षम है। उन्होंने अमेरिकी सेना के उस बयान की तरफ इशारा किया जिसमें उसने कहा था कि जब हम उड़ान भरते हैं तो तत्काल लक्ष्य खतरे में आ जाता है। वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि अमेरिकी वायुसेना का इशारा अमेरिका की परमाणु हमला करने में समक्ष एयर लॉन्च क्रूज मिसाइल की ओर था। ये अमेरिकी बॉम्बर्स जापान के पास गुआम में भी तैनात हैं जो पूर्वी रूस को निशाना बना सकते हैं।
ये भी पढ़ें...थर-थर कांपने लगे चीन के 60 हजार सैनिक, भारत के दो जंगी जहाजों ने दिखाई ताकत
...तो रूस की राजधानी मास्को को कर सकता है तबाह
अमेरिका की एयर लॉन्च क्रूज मिसाइल (ALCM) 2500 किलोमीटर की दूरी पर परमाणु बम गिरा सकती है। इससे यह साफ है कि यह अमेरिकी सबसोनिक क्रूज मिसाइल से अगर ब्रिटेन के आकाश से हमला किया जाता है तो रूस की राजधानी मास्को को तबाह कर सकता है। AGM-86 नामक क्रूज मिसाइल का निर्माण अमेरिका की बोइंग कंपनी ने किया है। यह मिसाइल दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकती है और हमला कर सकती है। इसका विशेष तौर रूस के एयर डिफेंस सिस्टम को मात देने के लिए निर्माण किया गया है। ये मिसाइल लंबी रेंज के कारण अमेरिकी बॉम्बर्स रूसी एयरस्पेस के पास जाए बिना ही हमला कर सकते हैं। इस मिसाइल को तबाह करने के लिए अब रूस ने अपना मिग-31 फाइटर जेट और अपने टोर मिसाइल सिस्टम का निर्माण किया है।
ये भी पढ़ें...10 घंटे आतंकियों का खात्मा: रची आतंक की खूनी साजिश, सेना ने सिखाया सबक
ब्रिटेन में तैनाती के दौरान अमेरिकी बॉम्बर्स ने 30 देशों के साथ युद्धाभ्यास किए। इसमें 100 अन्य फाइटर जेट शामिल थे। ये बॉम्बर्स, उत्तरी ध्रुव, बैरंट सी, ब्लैक सी, नार्वे और भूमध्य सागर के ऊपर से उड़ान भरे। अमेरिकी एयर फोर्स का कहना है कि बॉम्बर्स की यह उड़ान हमारी वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
ये भी पढ़ें...चीन ने भारत से युद्ध के लिए उतारे 60 हजार सैनिक, आमने-सामने खड़ी हुई दोनों सेनाएं
गौरतलब है कि बेलारूस समेत कई मुद्दों को लेकर नाटो देशों और रूस में तनाव बढ़ता जा रहा है। रूस ने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेन्को को समर्थन दिया है, जबकि नाटो देश उनका विरोध कर रहे हैं। करीब 26 साल में सत्ता पर काबिज बेलारूस के राष्ट्रपति ने आरोप लगाया है कि नाटो उनके देश में बंटवारा कराना चाहता है और उन्हें सत्ता से हटाना चाहता है।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।