बंदी चीनी सैनिक: भारतीय सैनिकों ने पकड़ा, अब हुआ ये बड़ा ऐलान

दोनों देशों के बीच मई में शुरू हुए गतिरोध के बाद भारत और चीन ने डेमचोक सेक्टर सहित पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर 50,000 से अधिक सैनिक तैनात किए हैं। सेना ने कहा कि चीनी सैनिक को सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सौंप जाएगा।

Update:2020-10-19 19:36 IST
बंदी चीनी सैनिक: भारतीय सैनिकों ने पकड़ा, अब हुआ ये बड़ा ऐलान

नई दिल्ली: भारतीय सेना ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक सैनिक को पकड़ा है। चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में सोमवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भटक कर भारतीय क्षेत्र में आ गया था। चीनी सैनिक की पहचान कॉर्पोरल वांग या लान्ग के रूप में की गई है। सेना ने उसे ऑक्सीजन, भोजन और गर्म कपड़े सहित जरूरी चिकित्सा सहायता मुहैया करायी गई है। सूत्रों की माने तो पूछताछ के बाद मौजूदा प्रक्रिया के तहत उसे चीन के हवाले कर दिया जाएगा।

चीनी सैनिक भटक कर आया भारतीय सीमा में

गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच मई में शुरू हुए गतिरोध के बाद भारत और चीन ने डेमचोक सेक्टर सहित पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर 50,000 से अधिक सैनिक तैनात किए हैं। सेना ने कहा कि चीनी सैनिक को सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सौंप जाएगा। भारतीय सेना ने एक बयान में बताया, "पीएलए सैनिक की पहचान कॉर्पोरल वांग या लान्ग के रूप में हुई है और एलएसी पर भटक जाने के बाद उसे 19 अक्टूबर को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में पकड़ा गया।

सैनिक को लेकर भारत का रुख सकारात्मक

चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने भी सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत रास्ता भटकने की वजह से हिरासत में लिए गए चीनी सैनिक को वापस लौटाने जा रहा है। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है, और भारत का रुख सकारात्मक है। अखबार ने आगे कहा है कि भारत और चीन इस मुद्दे पर पहले समझौते पर पहुंचे हैं और दोनों देश समाधान की ओर बढ़ रहे हैं।

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द्वीपक्षीय बातचीत में नई प्रगति होगी-चीन

अपने मुखपत्र द्वारा चीन सरकार ने यह भी कहा कि इस घटना से सीमा पर टकराव नहीं होगा और मुद्दे के समाधान से द्वीपक्षीय बातचीत में नई प्रगति होगी। अखबार ने शिंघुआ यूनिवर्सिटी में नेशनल स्ट्रैटजी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर कियान फेंग की ओर से लिखता है कि दोनों देशों के बीच लंबी सीमा है, जिसमें कई हिस्से परिभाषित नहीं हैं। बिना उचित संकेतक और खराब टूल्स की वजह से यहां भटकना आसान है। पहले भी दोनों तरफ के सैनिक भटक चुके हैं।

सैनिक प्रत्त्यार्पण की भारतीय परक्रिया

भटके हुए सैनिक के मिलने पर दोनों देशों की ओर से जो प्रक्रिया अपनाई जाती है उसके तहत दूसरा पक्ष सैनिक की पहचान की पुष्टि करता है और जरूरी जांच करता है और दूसरे पक्ष को जानकारी देता है। चीन और भारत ने अभी तक सही प्रक्रिया का पालन किया है। इस घटना का दोनों देशों के बीच आगामी सैन्य बातचीत पर असर नहीं होगा।

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भारत अपने पूर्व के आक्रामक रुख में बदलाव ला रहा है-चीन

चीन का अखबार लिखता है कि चीन और भारत के बीच सीमा को लेकर विवाद हैं और हाल में रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं, वे हाल में कई दौर की बातचीत में कुछ सहमित पर पहुंचे हैं। कियान ने आगे कहा, ''ताजा घटना का ठीक से निपटान अच्छा संकेत है। भारत अपने पूर्व के आक्रामक रुख में बदलाव ला रहा है और यह दिखाता है कि भारत इस तरह की घटनाएं नहीं चाहता जो बेहतर महौल में बाधक बने।''

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भारतीय सेना ने निभाया अपना सैनिक कर्त्तव्य

बता दें कि भारतीय सेना ने कहा कि है, "पीएलए के सैनिक को अत्यधिक ऊंचाई और प्रतिकूल जलवायु संबंधी परिस्थितियों से बचाने के लिए ऑक्सीजन, भोजन और गर्म कपड़े के साथ ही चिकित्सा सहायता मुहैया करायी गई है।'' बयान के अनुसार लापता सैनिक के ठिकाने के बारे में पीएलए से एक अनुरोध प्राप्त हुआ है। सेना ने कहा, "स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार उसे चुशूल-मोल्डो बैठक स्थल पर चीनी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।" सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिक से पूछताछ की गई कि वह भारतीय क्षेत्र में कैसे आ गया।

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