ISRO ने श्रीहरिकोटा से सिंगापुर की 2 सैटेलाइट किया लॉन्च, समुद्री सुरक्षा और मौसम की देंगे जानकारी
ISRO PSLV C55 mission: श्रीहरिकोटा से इसरो ने सिंगापुर के दो सैटेलाइट की लॉन्चिंग POEM प्लेटफॉर्म के जरिए की गई। इस लॉन्चिंग के बाद ऑर्बिट में भेजे जाने वाले विदेशी सैटेलाइट की संख्या बढ़कर 424 हो गई है।
ISRO PSLV C55 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO का अंतरिक्ष में दखल लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी इसरो ने शनिवार (22 अप्रैल) को अपने एक और बड़े मिशन को अंजाम दिया। पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) को लॉन्च कर दिया। खास बात ये है कि, इस रॉकेट ने सिंगापुर के दो बड़े सैटेलाइट (ISRO Satellite Launch) और एक इन-हाउस प्लेटफॉर्म के साथ उड़ान भरी।
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PSLV की 57वीं उड़ान
ज्ञात हो कि, PSLV-C55 मिशन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शनिवार दोपहर 2 बजकर 19 मिनट पर लॉन्च हुआ। यह पीएसएलवी (PSLV) की 57वीं उड़ान है। इसे PSLV कोर अलोन कॉन्फिगरेशन का इस्तेमाल करने वाला 16वां मिशन बताया गया है। इस मिशन को टीएलईओएस- 2 नाम दिया गया।
इस लॉन्चिंग की क्या है खास बात?
विशेषज्ञ बताते हैं TeLEOS- 2 एक रडार सैटेलाइट है। इसे सिंगापुर के डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी एजेंसी ने तैयार किया है। यह सैटेलाइट अपने साथ सिंथेटिक अपर्चर रडार (Synthetic Aperture Radar) लेकर जाएगा। इससे दिन-रात मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी। जबकि, दूसरी सैटेलाइट LUMELITE-4 है। ये एडवांस सैटेलाइट है। इसका वजन 16 किलोग्राम है। इसे एक बहुत ही उच्च आवृत्ति डेटा विनिमय प्रणाली (High Frequency Data Exchange System) को प्रदर्शित करने के लिए विकसित किया गया है। सैटेलाइट को सिंगापुर की ई-नेविगेशन समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने तथा वैश्विक शिपिंग समुदाय (Global Shipping Community) को लाभ पहुंचाने के मकसद से डिजाइन किया गया है।
क्या है PSLV?
अब तक आपने खबर में कई बार PSLV पढ़ा है। अगर आपको नहीं पता है तो जान लें PSLV स्टेज वाला रॉकेट होता है। इसके तीन हिस्से समुद्र में गिर जाते हैं। चौथे हिस्से को PS4 कहते हैं। यह सैटेलाइट को उसकी कक्षा में पहुंचाने का काम करता है। उसे पहुंचाने के बाद यह अंतरिक्ष में कचरा बनकर रह जाता है। इस बार जिस रॉकेट को लॉन्च किया गया है वो 44.4 मीटर लम्बा है।