सेना ने उठाया ये बड़ा कदम, सैन्य कर्मियों के लिए जीवन साथी की तलाश होगी आसान
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने अपने कर्मियों के लिए एक नई पहल की है। जो अविवाहित, विधवा/विधुर और जीवनसाथी से अलग हो चुके कर्मियों पर केन्द्रित है।
नई दिल्ली: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने अपने कर्मियों के लिए एक नई पहल की है। जो अविवाहित, विधवा/विधुर और जीवनसाथी से अलग हो चुके कर्मियों पर केन्द्रित है।
दरअसल आईटीबीपी ने ऐसे कर्मियों को जीवन साथी की तलाश में मदद करने के लिए एक मैट्रोमोनियल पोर्टल विकसित किया है। जो बल के अंदर ही उनकी जोड़ियां बनाएगी।
बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार है जब किसी अर्द्धसैनिक बल में इस तरह का कोई कदम उठाया गया हो। अधिकारियों के मुताबिक़ इस बल(सैन्य कर्मी) पर खास तौर पर चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा करने की जिम्मेदारी है।
इस बल में फिलहाल विभिन्न रैंकों में करीब 2500 अविवाहित पुरुष और 1000 महिलाएं कार्यरत हैं। आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बहुत सारे कर्मी दूर दराज के क्षेत्रों में तैनात रहते हैं।
ऐसे में उनके और उनके परिवार के लिए उपयुक्त जीवनसाथी की तलाश करना एक बेहद ही कठिन कार्य साबित होता है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही आईटीबीपी ने मैट्रोमोनियल पोर्टल शुरू करने का निर्णय लिया है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक आंकड़े के मुताबिक केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में करीब ढाई लाख अविवाहित कर्मी हैं।
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ,एसएसबी, आईटीबीपी और एनएसजी एवं एनडीआरएफ आते हैं जिनमें करीब 10 लाख कर्मी हैं।
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क्या कहते हैं आंकड़े
अगर आंकड़ों पर गौर करे तो पाएंगे कि आईटीबीपी में तकरीबन 333 कार्यरत दंपति हैं (यानी पति-पत्नी दोनों ही आईटीबीपी में हों) तथा बहुत सारे कर्मी इस संगठन के अंदर ही जीवनसाथी चाहते हैं क्योंकि सरकारी नियम उस दंपति को एक ही स्थान पर तैनाती की सुविधा प्रदान करते हैं।
अधिकारियों ने कहा कि यह बल पर्वतीय सीमा पर जो अपनी सेवाएं प्रदान करता है, उस कठोर ड्यूटी को ध्यान में रखते हुए साथ काम करने के ऐसे कदम से बल के अंदर कार्यरत दंपतियों को बहुत जरूरी राहत मिलती है।
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए आईटीबीपी महानिदेशक एस एस देसवाल ने हाल ही में बल की सूचना प्रौद्योगिकी शाखा को मैट्रिमोनियल पोर्टल विकसित करने को कहा जो सेवारत दंपतियों की पृथक पोस्टिंग की समस्या को दूर करने पर काम करेगा।
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सेवा रिकार्ड की भी मिलेगी जानकारी
इस अनोखे पोर्ट का एक लिंक बल की वेबसाइट पर नौ दिसंबर को शुरू किया गया। आईटीबीपी प्रवक्ता विवेक कुमार पांडेय के अनुसार ‘पोर्टल पर अबतक 150 पंजीकरण दर्ज कराये गये हैं। ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि और इच्छुक पात्र कर्मी जल्द अपना पंजीकरण करायेंगे और उन्हें यह नया ऑनलाइन सेवा उपयोगी नजर आएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इस पोर्टल का उपयोग अविवाहित, विधवा/विधुर और जीवनसाथी से अलग हो चुके कर्मियों द्वारा उपयोग किया जा सकता है।’’ अधिकारी ने बताया कि यह पोर्टल जीवनसाथी ढूंढने में मदद करेगा क्योंकि आईटी टीम किसी भी कर्मी के सेवा रिकार्ड की प्रामाणिक जानकारी अपलोड करेगी। इससे गलत सूचनाएं देने का गोरखधंधा रुकेगा।
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