Jammu Kashmir News: नौगाम में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, मजदूरों पर ग्रेनेड फेंकने वाला आंतकी ढेर

Jammu Kashmir: सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ के दौरान इमरान बशीर गनी मारा गया। उसे सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच चल रहे मुठभेड़ में गोली लगी।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-10-19 08:07 IST

Jammu Kashmir  (photo: social media )

Jammu Kashmir: आतंकवाद प्रभावित साउथ कश्मीर के शोपियां जिले में यूपी के दो मजदूरों की हत्या करने वाला हाईब्रिड आतंकी इमरान बशीर गनी एनकाउंटर के दौरान मारा गया। बशीर को सुरक्षाबलों ने मंगलवार को ही एक ऑपरेशन के दौरान दबोच लिया था। बाद में उसी के निशानदेही पर दहशतगर्दों के खिलाफ अभियान चलाया गया। शोपियां के ही नौगाम में कुछ आतंकियों के छिपे होने की जानकारी बशीर द्वारा देने के बाद सुरक्षाबल वहां पहुंचे। उनके वहां पहुंचते ही आतंकियों ने गोली चलानी शुरू कर दी। जिसका सुरक्षाबलों ने भी कड़ा जवाब दिया।

सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ के दौरान इमरान बशीर गनी मारा गया। जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक, बशीर आतंकियों के गोली का ही शिकार बना। उसे सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच चल रहे मुठभेड़ में गोली लगी। सुरक्षाबल बशीर के इनपुट के ही आधार पर नौगाम पहुंचे थे, जहां छिपे आतंकियों से उनकी मुठभेड़ शुरू हो गई। घटना बुधवार तड़के की है।

यूपी के दो मजदूरों की हत्या

कश्मीर घाटी में प्रवासी मजदूरों और कश्मीरी पंडितों के कत्लेआम का सिलसिला जारी है। मंगलवार को शोपियां के हरमन इलाके में टिनशेड में सो रहे मजदूरों पर आतंकी इमरान बशीर गनी ने ग्रेनेड फेंक दिया था। इस हमले में यूपी के दो मजदूर मनीष कुमार और राम सागर की मौत हो गई। दोनों कन्नौज के रहने वाले थे। घटना के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर कर सर्च ऑपरेशन चलाया था। जिसके बाद इमरान बशीर पकड़ा गया। बशीर प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का हाईब्रिड आतंकी था। उससे पूछताछ के आधार पर सुरक्षाबलों ने कई जगहों पर रेड मारी थी।

कश्मीरी पंडित की हत्या

चार दिन पहले शोपियां में ही आतंकियों ने एक कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। भट्ट पर तब हमला किया गया, जब वे अपने बाग की ओर जा रहे थे। इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स नामक आतंकी संगठन ने ली थी। हमले को अंजाम देकर आतंकी फरार हो गया। अब तक उनका कोई सुराग जम्मू कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबलों के हाथ नहीं लगा है।

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