Kulgam Encounter: कुलगाम मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों की हुई शिनाख्त, एक की उम्र थी महज 16 साल

Kulgam Encounter: शुक्रवार को साउथ कश्मीर के कुलगाम जिले के सामनू में सुरक्षाबलों ने घंटों की मुठभेड़ के बाद एक घर में छिपे पांच आतंकवादियों को मार गिराया था।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-11-18 08:13 IST

Kulgam Encounter   (photo: social media )

Kulgam Encounter: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना और पुलिस ने आतंकियों के सफाये का अभियान तेज कर दिया है। सुरक्षाबलों को एंटी टेरर ऑपरेशन के दौरान लगातार बड़ी कामयाबी मिल रही है। शुक्रवार को साउथ कश्मीर के कुलगाम जिले के सामनू में सुरक्षाबलों ने घंटों की मुठभेड़ के बाद एक घर में छिपे पांच आतंकवादियों को मार गिराया था। अब उन पांचों आतंकियों की शिनाख्त हो गई है। सभी स्थानीय ही हैं लेकिन उनमें से एक नाबालिग है, जो महज 16 साल का बताया जा रहा है।

कुलगाम सैन्य ऑपरेशन के दौरान मारे गए आतंकी पीपुल्स एंटी-फ़ासिस्ट फ्रंट पीएएफएफ (PAFF) और द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़े हुए थे। ये दोनों आतंकी संगठन कश्मीर में घाटी में कई आतंकी वारदातों खासकर टारगेट किलिंग्स को अंजाम दे चुके हैं। इनके निशाने पर खासतौर पर कश्मीरी पंडित, प्रवासी कामगार और सरकार के मुलाजिम होते हैं। पांचों आतंकी के नाम हैं – समीर अहमद शेख, यासील बिलाल भट, दानिश अहमद ठोकर, हंजुल्लाह याकूब शाह और उबेद अहमद पद्दार ।

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कौन हैं ये आतंकी ?

समीर अहमद शेख – आतंकी समीर अहमद शेख शोपियां जिले का रहने वाला था और कम उम्र में ही आतंक की राह पर चल पड़ा था। बताया जाता है कि कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित होकर तीन अगस्त 2021 को उसने पीपुल्स एंटी-फ़ासिस्ट फ्रंट पीएएफएफ (PAFF) को ज्वाइन कर लिया था। शेख नाबालिग था।

उबेद अहमद पद्दार - उबेद अहमद भी शोपियां जिले का रहने वाला था। इसने 11 सितंबर 2022 को द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) में शामिल हुआ था। ये कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा था।

यासील बिलाल भट - यासील बिलाल कुलगाम का ही रहने वाला था। जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक, वह पांच मई 2022 से आतंकी संगठन टीआरएफ के लिए काम कर रहा था।

हंजुल्लाह याकूब शाह – हंजुल्लाह भी शोपियां जिले का रहने वाला था। उसने इसी साल आतंकी संगठन टीआरएफ को ज्वाइन किया था। पुलिस के मुताबिक, याकूब शाह 13 जुलाई 2023 से टीआरएफ के लिए काम कर रहा था।

दानिश अहमद ठोकर – शोपियां का रहने वाला दानिश अहमद ठोकर 23 मार्च 2022 से आतंकी संगठन टीआरएफ के लिए काम कर रहा था।

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सुरक्षाबलों ने उड़ा दिया था मकान

कुलगाम के सामनू में गुरूवार 16 नवंबर की शाम से ही आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई थी। जम्मू कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुलगाम के सामनू में आतंकियों के गतिविधि की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस और सेना की संयुक्त टीम इलाके में तलाशी अभियान के लिए निकल पड़ी। सर्च ऑपरेशन चल ही रहा था कि दहशतगर्दों ने फायरिंग शुरू कर दी।

इसके बाद शाम करीब साढ़े चार बजे के आसपास एनकाउंटर शुरू हो गया। देर रात अंधेरे की वजह से इसे रोक दिया, सुबह एकबार फिर मुठभेड़ शुरू हो गई। फिर सेना के जवानों ने उस घर को ही रॉकेट लॉन्चर से उड़ा डाला, जहां से आतंकी छिपकर उनपर गोलीबारी कर रहे थे। इस ऑपरेशन में ड्रोन का सहारा लिया गया था। आतंकियों की डेड बॉडी ड्रोन कैमरे के जरिए ही देखी गई है।

बता दें कि आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी-फ़ासिस्ट फ्रंट पीएएफएफ (PAFF) और द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म करने के बाद आई शांति में खलल पैदा करने के लिए खड़ी की गई है। PAFF को जहां जैश-ए-मोहम्मद का तो वहीं TRF को लश्कर-ए-तैयाब का मुखौटा माना जाता है। PAFF पहली बार सुर्खियों में तब आया था, जब उसने अक्टूबर 2022 में जम्मू कश्मीर के डीजी जेल हेमंत लोहिया की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। लोहिया की उन्हीं के घर में गला रेत कर हत्या कर दी गई थी।

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