मारे गए 101 आतंकी: फिर बड़े प्लान की तैयारी, जल्द होगा इनका खात्मा
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने तमाम आतंकियों और उनके आतंक का खात्म करके बड़ी कामयाबी हासिल की है। ये साल आतंकियों के लिए शामत बनकर आया है।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने तमाम आतंकियों और उनके आतंक का खात्म करके बड़ी कामयाबी हासिल की है। ये साल आतंकियों के लिए शामत बनकर आया है। जीं हां लॉकडाउन के 80 दिनों में ही भारतीय सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में ही 72 आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा है। इसके साथ ही अगर 2020 के शुरूआत से बात करें तो अब तक 101 आतंकियों को ढेर कर चुके हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि भारतीय सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में 125 और आतंकियों को मार गिराने की प्लानिंग की है जबकि इन आतंकियों में 25 विदेशी भी हैं।
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आतंकियों का खात्मा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय सुरक्षाबलों ने 1 अप्रैल से 13 जून तक जब लॉकडाउन चल रहा था, उसी बीच 72 आतंकी मार गिराए हैं। कश्मीर में इस साल सबसे ज्यादा आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन एक्टिव रहा है।
भारतीय सुरक्षाबलों ने हिजबुल के 35 स्थानीय आतंकियों को मौत की नींद सुला दिया है। ऐसे ही सुरक्षाबलों ने जम्मू- कश्मीर में जनवरी से लेकर जून तक 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया है। बता दें, ये सभी आतंकी लश्कर-ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए मोहम्मद सहित अन्य आतंकी संगठनों से जुड़े थे।
मारे जाने वाले बड़े आतंकी
लॉकडाउन के दौरान आतंकियों के आका रियाज नायकू को भी सुरक्षाबलों में मार गिराया। इसके अलावा इस साल मारे जाने वाले बड़े आतंकी हैं- हैदर (लश्कर-ए-तैयबा), कारी यासिन (जैश-ए-मोह्म्मद कमांडर), बुरहान कोका (अंसार गजवात-उल-हिंद)।
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इस सिलसिले में एक कश्मीरी पुलिस अधिकारी ने बताया कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद लंबे समय तक इंटरनेट और कम्युनिकेशन की अन्य पाबंदियों की वजह से आतंकियों की पनाहगाहों के बारे में जानकारी मिलने में दिक्कत आ रही थी। लेकिन जनवरी महीने से स्थितियां ठीक होने के बाद व्यापक स्तर पर आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाया गया।
देश की रक्षा के लिए कुर्बान
तभी एक पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस साल की शुरुआत से केंद्र शासित प्रदेश में मारे गए आतंकवादियों की कुल संख्या 101 हो गई है, लेकिन सुरक्षाबलों को आतंकवाद-रोधी अभियानों के दौरान शांति बनाए रखने के अपने प्रयासों की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। इस दौरान कई अधिकारियों समेत 29 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए।
बता दें, देश के सेना के जांबाजों ने अपनी जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा के लिए कुर्बान हो गए। आज इन्ही जवानों की वजह से हम अपने-अपने घरों में सुरक्षित हैं और घाटी में शांति का माहौल छाया हुआ है।
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