28 साल पुराने ट्रिपल मर्डर केस में पूर्व RJD सांसद शहाबुद्दीन को कोर्ट ने किया बरी
पूर्व राजद सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सोमवार (17 अप्रैल) जमशेदपुर की एक कोर्ट ने साल 1989 के तिहरे हत्याकांड मामले में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इस हत्याकांड में कांग्रेसी नेता प्रदीप मिश्रा सहित 3 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
जमशेदपुर: पूर्व राजद सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सोमवार (17 अप्रैल) जमशेदपुर की एक कोर्ट ने साल 1989 के ट्रिपल मर्डर केस में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इस हत्याकांड में कांग्रेसी नेता प्रदीप मिश्रा सहित 3 लोगों की हत्या कर दी गई थी। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद शहाबुद्दीन को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया।
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इस मामले में 3 अप्रैल को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शहाबुद्दीन की पेशी हुई थी। 15 मिनट की इस पेशी में वह एडीजे अजीत कुमार सिंह की कोर्ट के सामने खड़े रहे। इस हत्याकांड में उनका बयान भी ऑनलाइन रिकॉर्ड किया गया। बयान में शहाबुद्दीन ने खुद को बेक़सूर बताया था।
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हत्याकांड में जान गंवाने वाले युवा कांग्रेस के तत्कालीन जिलाध्यक्ष प्रदीप मिश्र के परिजनों ने कोर्ट के इस फैसले पर अफसोस जताते हुए कहा कि पिछले 25 सालों में कभी भी चश्मदीद गवाह बरमेश्वर पाठक की गवाही नहीं कराई गई। इसी कारण शहाबुद्दीन बरी हो गया।
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क्या था मामला ?
-घटना 02 फरवरी 1989 की है।
-जुगसलाई में टाटा स्टील पावर हाउस के पास प्रदीप मिश्रा सहित जनार्दन चौबे और आनंद राव की गोली मारकर हत्या की गई।
-इसे जुगसलाई हत्याकांड के नाम से भी जाना जाता है।
-इस मामले में शहाबुद्दीन सहित 8 लोगों को आरोपी बनाया गया।
-इनमें से 3 की ट्रायल के दौरान मौत हो गई और 4 को 2006 में बरी कर दिया गया।
-शहाबुद्दीन का ट्रायल अलग से चलाया गया।
-ऐसा इसलिए क्योंकि कई सालों तक समन भेजने के बावजूद शहाबुद्दीन की कोर्ट में पेशी नहीं कराई जा सकी।