JDU Meeting : ललन सिंह ने दिया इस्तीफा, सीएम नीतीश बने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष

JDU Meeting : राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है।इसी के साथ जदयू की कमान एकबार फिर से सीएम नीतीश के हाथ में आ गई है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-12-29 07:13 GMT

JDU Meeting : तमाम कयासों और अटकलों के बीच आखिरकार शुक्रवार को राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। दिल्ली में जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान ललन सिंह ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव अध्यक्ष पद के लिए आगे रखा। जिसका सभी ने समर्थन किया। इसी के साथ जदयू की कमान एकबार फिर से सीएम नीतीश के हाथ में आ गई है।

ललन सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सक्रियता को देखते हुए मैंने ये फैसला लिया है। दोनों नेता मीडिया में चल रही मनमुटाव की खबरों को दूर करने के लिए एकसाथ एक ही गाड़ी में सवार होकर कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पहुंचे थे। बैठक स्थल के बाहर जदयू कार्यकर्ता बिहार सीएम के पक्ष में जमकर नारेबाजी कर रहे थे। वे 'देश का प्रधानमंत्री कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो' जैसे नारे लगा रहे थे।

ललन सिंह ने खुद छोड़ा पद – मंत्री विजय चौधरी

जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने अध्यक्ष पद स्वीकार कर लिया है। अभी राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी उसमें अगर प्रस्ताव अनुमोदित हो जाता है तो स्वाभाविक रूप से वे राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। वहीं ललन सिंह के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि ललन सिंह ने खुद कहा कि उन्होंने पहले भी मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही यह पद स्वीकार किया था। अब उन्हें चुनाव लड़ने के लिए लगातार बाहर रहना होगा इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया वे पद स्वीकार करें।

ललन सिंह के इस्तीफे पर बीजेपी की प्रतिक्रिया

जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से ललन सिंह के इस्तीफे पर बिहार में विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी ने कटाक्ष किया है। बिहार बीजेपी चीफ सम्राट चौधरी ने कहा कि जदयू नीतीश जी की पार्टी है, वह एक प्राइवेट लिमिटेड पार्टी है। ललन सिंह के इस्तीफे और नीतीश कुमार के अध्यक्ष बनने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने नीतीश कुमार के पुनः एनडीए में शामिल होने की अटकलों को भी खारिज किया। चौधरी ने कहा कि इस पर न तो प्रदेश स्तर पर और न ही राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी में कोई चर्चा हो रही है।

लंबे समय से थी इस्तीफे की अटकलें

राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के जदयू के शीर्ष पद से विदाई की चर्चा बिहार के सियासी गलियारों में काफी समय से हो रही थी। लालू यादव से उनकी बढ़ती नजदीकी से सीएम नीतीश कुमार असहज महसूस कर रहे थे, ठीक वैसे ही जैसे पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह की बीजेपी से बढ़ रही थी। 26 दिसंबर को मीडिया में खबरें भी चलने लगीं कि ललन सिंह ने अपना इस्तीफा बिहार सीएम को सौंप दिया है। हालांकि, जदयू और ललन सिंह ने खुद इसका बाद में खंडन किया था। हालांकि, ये तय माना जा रहा था कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह निश्चित तौर पर अपना इस्तीफा दे देंगे और पार्टी की कमान फिर से नीतीश कुमार के हाथ आ जाएगी।

कौन हैं ललन सिंह ?

ललन सिंह की गिनती भी बिहार के उन राजनेताओं में होती है, जिन्हें जेपी आंदोलन का प्रोडक्ट कहा जाता है। वे जनता दल यूनाइटेड के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं। इसलिए उनकी सीएम नीतीश कुमार से काफी नजदीकी रही है। वे जदयू के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। हालांकि, बीच में एकबार दोनों के संबंधों में दरार भी आ चुकी है और ललन सिंह ने पार्टी तक को छोड़ दिया था। 2013 में में उनकी वापसी हुई। 2019 के आम चुनाव में मुंगेर लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे। ललन सिंह को जुलाई 2021 में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। बता दें कि जिस चर्चित लैंड फॉर जॉब स्कैम में अभी लालू परिवार सीबीआई और ईडी के शिकंजे में है, उसकी शिकायत ललन सिंह ने ही यूपीए के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से की थी।    

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