AAP MLA Join BJP: इस्तीफा देने वाले AAP विधायकों को मिला ठिकाना, BJP में शामिल हुए सभी आठों MLA

AAP MLA Join BJP: आम आदमी पार्टी के जो विधायक शुक्रवार को इस्तीफा दिये थे, वे AAP विधायक कुछ देर में भाजपा में शामिल होंगे।;

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Update:2025-02-01 17:38 IST
AAP MLA Join BJP

 AAP MLA Join BJP (Photo: Social Media)

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AAP MLA Join BJP: आम आदमी पार्टी के सभी विधायक एक साथ शुक्रवार को इस्तीफा दे दिये थे। इसके बाद सभी आठ विधायक आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष के नेतृत्व में विधायकों ने बीजपी का हाथ थामा। इस्तीफा देने वाले विधायकों में त्रिलोकपुरी विधायक रोहित मेहरौलिया, जनकपुरी विधायक राजेश ऋषि, कस्तूरबा नगर विधायक मदनलाल, पालम विधायक भावना गौड़ और महरौली विधायक नरेश यादव शामिल हैं।

आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने वाले विधायकों ने अपने पत्र में कहा कि पार्टी जो ईमानदार विचारधारा पर बनी थी, वह अब पूरी तरह भटक चुकी है। पार्टी की यह हालत देखकर उन्हें गहरा दुख हुआ है।महरौली विधायक नरेश यादव ने अपने इस्तीफे की घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर की। उन्होंने लिखा, मैंने आम आदमी पार्टी ईमानदारी की राजनीति के लिए जॉइन की थी, लेकिन आज कहीं भी ईमानदारी नजर नहीं आ रही है। मैंने महरौली विधानसभा सीट पर पिछले 10 साल से लगातार 100 फीसदी से ज्यादा ईमानदारी से काम किया है।

महरौली की जनता जानती है कि मैंने ईमानदारी की राजनीति, अच्छे व्यवहार की राजनीति और काम की राजनीति की है। लेकिन आम आदमी पार्टी अब पूरी तरह से करप्शन में लिप्त है। क्षेत्र की जनता ने मुझसे कहा कि इस पार्टी को छोड़ देना चाहिए, क्योंकि इन्होंने लोगों के साथ धोखा किया है।

जुलाई के बजट में इस कदम की घोषणा करने वाली सीतारमण से 1 फरवरी को अपने भाषण में कानून का उल्लेख करने की उम्मीद थी। 2010 में संसद में प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक पेश होने के बाद से आयकर अधिनियम को फिर से लिखने का यह कम से कम तीसरा प्रयास है।इसके बाद मोदी सरकार ने विशेषज्ञों का एक पैनल गठित किया था, जिनकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई थी और सिफारिशें बड़े पैमाने पर की गईं।

समिति को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कानून में हजारों प्रावधान हैं, नए कानून में उन्हें हटा दिए जाए। इसी तरह, कई धाराएं हैं, जिन्हें पिछले कुछ सालाें में आईटी अधिनियम से हटा दिए जाने के कारण अनावश्यक बना दिया गया है। सूत्रों ने कहा, आम आदमी के लिए भाषा को समझना मुश्किल हो सकता है और समिति को इसे यथासंभव सरल बनाने के लिए कहा गया है।

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