Illegal Mining Case: अवैध खनन मामले में झारखंड सीएम की बढ़ी मुश्किलें, हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई एफआईआर
Illegal Mining Case: झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले को लेकर सीएम सोरेन और उनके मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू सहित 20 पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
Illegal Mining Case: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। जमीन घोटाले के साथ-साथ साहिबगंज अवैध खनन का मामला भी उनके गले की फांस बनता जा रहा है। अवैध माइनिंग केस में उनके विरूद्ध बड़ी कार्रवाई हुई है। झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले को लेकर सीएम सोरेन और उनके मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू सहित 20 पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
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खबरों के मुताबिक, यह एफआईआर तीर्थनाथ आकाश और अनुरंजन अशोक की ओर से साहिबगंज के मुफस्सिल थाने में दर्ज कराई गई है। झारखंड पुलिस के ऑनलाइन एफआईआर सिस्टम के माध्यम से यह मामला दर्ज कराया गया है। सीएम और उनके करीबियों के खिलाफ केस दर्ज कराने वाले तीर्थनाथ आकाश पत्रकार हैं और जल,जंगल, जमीन एवं आदिवासी समाज से जुड़े मुद्दों को उठाते रहते हैं। वहीं, अनुरंजन अशोक भी आदिवासी मुद्दों को लेकर काम करते हैं।
एफआईआर में अहम चेहरों का नाम
साहिबगंज अवैध खनन मामले में जिन 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, उससे राज्य सरकार हिल गई है। इसमें मुख्यमंत्री से लेकर और कई अहम चेहरों के नाम शामिल हैं। एफआईआर में सीएम हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू, विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, डीसी रामनिवास यादव, तत्कालीन एसपी अनुरंजन किस्पोटा, डीएफओ मनीष तिवारी, एमओ विभूति कुमार, तत्कालीन एसडीपीओ प्रमोद मिश्रा, राजेंद्र दुबे, दाहू यादव, आलोक रंजन, टिंकल भगत, बच्चू यादव, संजय कुमार यादव, पवितर यादव, विष्णु यादव और भगवान भगत आदि के नाम पर दर्ज हैं।
आरोप है कि मुख्यमंत्री, उनके मीडिया सलाहकार और विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के कहने पर सरकारी पदाधिकारियों ने अवैध खनन और उनका ट्रांसपोर्टेशन कराया है। हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर जाने वाले याचिकाकर्ता तीर्थनाथ आकाश ने 200 से अधिक पन्ने का दस्तावेज सौंपा है। उनका दावा है कि इस घोटाले में मुख्यमंत्री और उनके करीबियों के शामिल होने के उनके पास पुख्ता सबूत हैं।
ईडी सीएम हेमंत सोरेन से कर चुकी है पूछताछ
साहिबगंज अवैध खनन मामले की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है। बीते साल 17 नवंबर को सीएम हेमंत सोरेन पूछताछ के लिए रांची स्थित ईडी के रीजनल दफ्तर में पेश भी हुए थे। 10 घंटे तक चली पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया गया था। पूछताछ के दौरान मुख्यमंत्री ने घोटाले की जानकारी होने की बात से साफ इनकार कर दिया था।
1 सितंबर को ईडी ने किया था सीएम सोरेन को समन
जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 1 सितंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तीसरी बार पूछताछ के लिए समन भेजा था। उन्हें 9 सितंबर को राजधानी रांची स्थित ईडी के रीजनल दफ्तर में उपस्थित होने को कहा गया है। इससे पहले भी दो बार उन्हें समन जारी किया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए थे। उन्होंने ईडी के नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है, जिस पर अभी सुनवाई होनी है।