जंक फूड तो गयो: आया कड़ा कानून, बेचने और विज्ञापन पर भी रोक

जंक फूड को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है। स्कूल कैंटीन और स्कूल की चौहद्दी से 50 मीटर के एरिया में जंक फूड के बिकने और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने के लिए खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने प्रस्ताव किया है।

Update: 2019-11-06 08:25 GMT

नई दिल्ली : जंक फूड को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है। स्कूल कैंटीन और स्कूल की चौहद्दी से 50 मीटर के एरिया में जंक फूड के बिकने और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने के लिए खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने प्रस्ताव किया है। इस कदम का उद्येश्य बच्चों के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन सुनिश्चित कराना है।

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भारतीय खाद्य और मानक प्राधिकार

इसी के चलते भारतीय खाद्य और मानक प्राधिकार (एफएसएसएआई) ने 'खाद्य सुरक्षा और मानक (स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार) विनियम, 2019' शीर्षक नियमावती का मसौदा जारी किया है। इस पर लोगों से 30 दिन के अंदर अपने सुझाव देने को कहा गया है।

खाद्य पदार्थों के विज्ञापन करने से रोक

एफएसएसएआई ने प्रस्ताव किया है कि जिन खाद्य पदार्थों को वसा, नमक और चीनी (एचएफएसएस) में अधिक मात्रा में पाया जाता है, उन्हें स्कूल कैंटीन या मेस परिसर या हॉस्टल के रसोई में या स्कूल परिसर के 50 मीटर के भीतर स्कूली बच्चों को नहीं बेचा जा सकता है।

इसने कहा है कि वसा, नमक और चीनी (एचएफएसएस) की अधिकता वाले खाद्य पदार्थ का व्यापार करने वाली कंपनियों या व्यापारियों (एफबीओ) को स्कूल परिसर या स्कूल परिसर के 50 मीटर के दायरे में ऐसे खाद्य पदार्थों के विज्ञापन करने से रोक दिया जाएगा।

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बता दें कि इसी साल जून में, एफएसएसएआई के सीईओ पवन कुमार अग्रवाल ने घोषणा की थी कि खाद्य नियामक स्कूल और उसके आसपास अस्वास्थ्यकर खाद्यों के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है।

इन प्रस्तावित नियमों के अनुसार स्कूल के अधिकारियों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन को प्रोत्साहित करने का कार्यक्रम लागू करना होगा। स्कूल या उसके द्वारा अनुबंधित खाद्य व्यवसायी (कैंटीन संचालक आदित) तथा शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के लिए अनुबंधित परिचालक के लिए सुरक्षित-खाद्य कानून के तहत लाइसेंस हासिल करना होगा।

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