इन सांसदों के अरमानों पर फिरा पानी, मोदी मंत्रिमंडल में नहीं मिली जगह

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपत ग्रहण के बाद अब मंत्रालयों का बंटवारा भी हो गया है, लेकिन यूपी के बुंदेलखंड से किसी भी सांसद को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। बीजेपी ने कानपुर-बुंदेलखंड की 10 में से 10 लोकसभा सीटों पर जीत का परचम लहराया है।

Update: 2019-05-31 08:40 GMT

कानपुर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपत ग्रहण के बाद अब मंत्रालयों का बंटवारा भी हो गया है, लेकिन यूपी के बुंदेलखंड से किसी भी सांसद को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। बीजेपी ने कानपुर-बुंदेलखंड की 10 में से 10 लोकसभा सीटों पर जीत का परचम लहराया है।

कानपुर बुंदेलखंड के कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक, कानपुर से सत्यदेव पचौरी, इटावा से रामशंकर कठेरिया और जालौन से भानू प्रताप वर्मा मंत्री पद की रेस में थे, लेकिन मंत्रिमंडल में इनमे से किसी भी नेता को जगह नहीं मिली है। जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ कानपुर-बुंदेलखंड की जनता में भी मायूसी है।

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कानपुर-बुंदेलखंड में कानपुर, अकबरपुर, फर्रुखाबाद, मिश्रिख, इटावा, कन्नौज, जालौन, हमीरपुर, झांसी, बांदा लोकसभा सीटें आती हैं। बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कानपुर बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ कानपुर बुंदेलखंड की सभी दसों सीटों पर कब्ज़ा कर इतिहास रच दिया। कन्नौज लोकसभा सीट को सपा का गढ़ माना जाता है। बीजेपी ने सपा के इस गढ़ को भेदते हुए कमल खिलाने का काम किया है।

कन्नौज लोकसभा सीट पर बीते 23 वर्षो से समाजवादी पार्टी ने राज किया है। कन्नौज को समाजवादी पार्टी का सबसे मजबूत किला किला माना जाता था। बीजेपी के सुब्रत पाठक ने सपा के गढ़ को भेदते को भगवा ध्वज लहराया हैं। कन्नौज से बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक मंत्री पद की रेस में कानपुर बुंदेलखंड से सबसे आगे चल रहे थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रीमंडल में उन्हें स्थान नहीं मिला है। जिसकी वजह से सांसद और कन्नौज की जनता में भारी निराशा है। सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराकर खुद को स्टार नेताओं में शामिल कर लिया है।

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कानपुर लोकसभा सीट सांसद सत्यदेव पचौरी ने डॉ मुरली मनोहर की जीत को कायम रखा है। सत्यदेव पचौरी को पूरी उम्मीद थी कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। दरसल सत्यदेव पचौरी गोविंद नगर विधानसभा सीट विधायक थे और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। कानपुर की जनता को भी इस बात की उम्मीद थी कि सत्यदेव पचौरी का मंत्री बनना तय था। सत्यदेव पचौरी ने कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को हराया है।

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इटावा लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है। समाजवादी पार्टी के गढ़ में बीजेपी ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है। अनुसूचित जाति से आने वाले राम शंकर कठेरिया ने इटावा में सपा बसपा गठबंधन के चुनावी गणित को फेल कर दिया। इसके साथ ही राम शंकर कठेरिया को बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का करीबी माना जाता है। एससी वोटरों की राजनीति करने वाले राम शंकर कठेरिया की जबर्दस्त एससी वोटरों में पकड़ है। राम शंकर कठेरिया भी मंत्रिपद की रेस में आगे चल रहे थे। समाजवादी पार्टी के गढ़ को भेदने वाले राम शंकर कठेरिया को पूरी उम्मीद थी कि उन्हें मंत्रिमंडल में शमिल किया जाएगा। लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला है।

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जालौन लोकसभा सीट लगातार 5 वीं जीत हासिल करने वाले बीजेपी के भानू प्रताप वर्मा को जब मंत्रिमंडल में नहीं शामिल किया गया तो पूरे कानपुर बुंदेलखंड के लोग हैरान रह गए। कानपुर बुंदेलखंड की क्षत्रिय इकाई के पदाधिकारी भी इस बात को लेकर मायूस है। भानू प्रताप वर्मा एससी वोटरों की राजनीति करते है वो कानपुर बुंदेलखंड के लोकप्रिय नेताओं में से एक है। उन्हें भी इस का भरोसा था कि मंत्री मंडल में जरूर शामिल किया जाएगा।

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