Karnataka: कर्नाटक विधानसभा का कांग्रेस ने किया गंगाजल और गोमूत्र से शुद्धिकरण, हनुमान चालीसा भी पढ़ा गया
Karnataka: सोमवार को राज्य की नई विधानसभा पहली बार बैठी और नवनिर्वाचित विधायकों का शपथग्रहण हुआ। लेकिन इससे पहले कर्नाटक विधानसभा का सत्ताधारी कांग्रेस द्वारा शुद्धिकरण किया गया, वो भी गंगाजल और गोमूत्र के साथ।
Karnataka: कर्नाटक में प्रचंड जनादेश के साथ बीजेपी को सत्ता से बाहर करने वाली कांग्रेस के हौंसले बुलंद हैं। बजरंग बली के अपमान के मुद्दे को जोरशोर से उठाने के बावजूद सत्ता नहीं बचा सकने वाली भाजपा को कांग्रेस अब उसी के स्टाइल में घेर रही है। सोमवार को राज्य की नई विधानसभा पहली बार बैठी और नवनिर्वाचित विधायकों का शपथग्रहण हुआ। लेकिन इससे पहले कर्नाटक विधानसभा का सत्ताधारी कांग्रेस द्वारा शुद्धिकरण किया गया, वो भी गंगाजल और गोमूत्र के साथ।
Also Read
विधानसभा परिसर के हर हिस्से में इनका कांग्रेस कार्यकर्ताओं के द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ छिड़काव किया गया है। विधानसभा के ठीक सामने हवन-पूजन के बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि भाजपा के भ्रष्टाचार से विधानसभा दूषित हो गई थी, इसलिए उसका शुद्धिकरण जरूरी था।
बता दें कि इस साल जनवरी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पहली बार डिप्टी सीएम बने डीके शिवकुमार ने कहा था कि विधानसभा को गोमूत्र से साफ करने का समय आ गया है। दरअसल, बीजेपी नेता ईश्वरप्पा द्वारा लाउडस्पीकर से दिए जाने वाले अजान को लेकर टिप्पणी की गई थी। जिसके विरोध में मुस्लिम संगठन के एक युवक ने शिवमोगा कमिश्नर के दफ्तर के बाहर खुले में अजान पढ़ दिया था।
इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। जिसे लेकर हिंदू संगठन भड़क गए। अगले ही दिन बड़ी संख्या में हिंदू संगठन बजरंग दल के कार्यकर्ता शिवमोगा कमिश्नर के दफ्तर के बाहर पहुंचे और अजान पढ़ने वाली जगह पर गोमूत्र का छिड़काव किया।
नए मुख्यमंत्री की आलोचना सरकार शिक्षक को पड़ गया भारी
कर्नाटक में नई-नवेली सिद्धारमैया सरकार के महज दो दिन ही बीते हैं कि उसके फैसलों पर विवाद शुरू हो गया है। ताजा फैसला एक सरकारी स्कूल के शिक्षक नौकरी से सस्पेंड करने को है। शिक्षक को सिर्फ इसलिए सीनियर अधिकारी ने बर्खास्त कर दिया क्योंकि उसने मुफ्त की रेवड़ी वाली स्कीम को लेकर सोशल मीडिया पर सरकार पर निशाना साधा था।
चित्रदुर्ग जिले के होसदुर्गा के रहने वाले शांतामूर्ति कनुबहल्ली सरकारी स्कूल में कार्यरत थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर फ्री बीज स्कीम्स पर सवाल उठाए थे। उन्होंने पिछले मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल के दौरान राज्य पर चढे भारी-भरकम कर्जे का भी ब्यौरा दिया था। जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक द्वारा मुख्यमंत्री पर की गई टिप्पणी को सेवा नियमों का उल्लंघन करार देते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया। बीजेपी ने इस फैसले को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की है।
बता दें कि सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बनते ही कांग्रेस के चुनावी वादे के मुताबिक पांच गारंटी योजना को लागू कर दिया है। आर्थिक जानकारों के मुताबिक, इन पांच गारंटी योजना के लिए प्रति वर्ष 50 हजार करोड़ रूपये का बोझ सरकारी खजाने पर बढ़ेगा।