इसे कहते हैं बीजेपी ! शिवराज सिंह के बाद अब सामने आया MP का ये युवराज

Update:2018-01-07 21:26 IST

शिवपुरी : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान की रविवार को विधिवत राज्य की राजनीति में लांचिंग हो गई। उन्होंने पिता के बुधनी विधानसभा क्षेत्र के बाहर पहली बार एक जनसभा को संबोधित किया। कार्तिकेय ने अपने पिता और उनकी सरकार का गुणगान किया। मुख्यमंत्री के बेटे ने शिवपुरी जिले के कोलारस में धाकड़ समाज के सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस क्षेत्र में जल्द ही विधानसभा उपचुनाव होना है। यह क्षेत्र कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र में आता है। सिंधिया का तीन दिवसीय दौरा रविवार को ही खत्म हुआ है।

कोलारस में मुख्यमंत्री चौहान स्वयं कई सभाएं कर चुके हैं, रविवार को उनके बेटे ने मोर्चा संभाला। कार्तिकेय ने ज्योतिरादित्य का नाम लिए बिना कहा, "एक सांसद मेरे पिता को भगाने की बात कहते हैं। उन्हें और मंत्रियों को कौरव कहते हैं। यह बहुत ही निम्न दर्जे की राजनीति है। जनता यह सब देख रही है और जनता ही इसका जवाब देगी।"

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सांसद सिंधिया ने शनिवार को कोलारस में हुई एक जनसभा में मुख्यमंत्री शिवराज और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को 'कौरव' बताया था और उन्हें सत्ता से भगाने की बात कही थी।

कोलारस का उपचुनाव भाजपा व कांग्रेस दोनों के लिए अहम है। मतदान की तारीख की घोषणा हालांकि अभी नहीं हुई है, मगर भाजपा संगठन और सरकार प्रचार अभियान में पूरा जोर लगाए हुई है। दूसरी ओर, कांग्रेस की तरफ से सिंधिया अकेले मोर्चा संभाले हुए हैं।

कार्तिकेय (22) पहली बार बुधनी विधानसभा क्षेत्र से बाहर किसी का प्रचार करने निकले। उन्होंने इस बात का जिक्र भी किया और कहा, "जब मैं कोलारस आ रहा था, तो मैंने अपने पिता से पूछा, "मैं पहली बार बुधनी से बाहर जाकर सभा करूंगा तो वहां क्या बोलना है? इस पर पिता ने कहा कि जो सच हो, वह बोलना।"

उन्होंने सम्मेलन में कहा, "मेरे पिता की किसी से लड़ाई नहीं है। वह किसी से लड़ना नहीं चाहते, वह तो सिर्फ गरीबी से लड़ना चाहते हैं।"

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कार्तिकेय ने सजातीय लोगों से कहा, "भाजपा ने हमेशा विकास की राजनीति की है। कोलारस में होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी की बजाय आपलोग मेरे पिता शिवराज को देखकर वोट दें।" उन्होंने पिता के नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं।

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का हालांकि दावा है कि पार्टी में न तो वंशवाद चलता है और न ही 'जाति' की राजनीति की जाती है।

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